वो केवल एक प्रयोग था… दिल्ली में हुई क्लाउड सीडिंग पर पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने क्या कहा?

वो केवल एक प्रयोग था... दिल्ली में हुई क्लाउड सीडिंग पर पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने क्या कहा?

क्‍लाउड सीड‍िंग पर पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने क्‍या कहा?

देश की राजधानी दिल्ली में लोग पिछले कई दिनों से वायु प्रदूषण से खासे परेशान हैं. लोगों को सांस लेने तक में समस्या का सामना करना पड़ रहा है. सरकार की तरफ से प्रदूषण को कम करने के लिए क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश कराने का प्रयास किया गया था. हालांकि वो सफल नहीं हो पाया है. इसको लेकर अब पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम. रविचंद्रन ने क्लाउड सीडिंग को एक प्रयोग बताया है.

क्लाउड सीडिंग को लेकर ऐसा कहा जा रहा था कि कृत्रिम बारिश से दिल्ली का प्रदूषण खत्म हो जाएगा. इसको लेकर सरकार की तरफ से भारी भरकम खर्च भी किया गया. हालांकि 3 प्रयासों के बाद भी बारिश नहीं हुई. यही वजह है कि क्लाउड सीडिंग को लेकर कई तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं.

क्लाउड सीडिंग को समझने की आवश्यकता- रविचंद्रन

क्लाउड सीडिंग को लेकर उठ रहे सवालों पर पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम. रविचंद्रन ने इसे एक तरह का प्रयोग बताया है. उन्होंने कहा कि इस तरह के परीक्षण आकलन और भविष्य की रिसर्च के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं. इन प्रयोगों के दौरान सफलता और असफलता दोनों की ही संभावना बनी रहती है. उन्होंने आगे कहा कि जहां तक क्लाउड सीडिंग का सवाल है, इसे क्रियान्वित या अर्ध-क्रियान्वित करने से पहले, इसके बारे में और अधिक समझने की आवश्यकता है.

दिल्ली सरकार ने आईआईटी कानपुर के सहयोग से अक्टूबर में क्लाउड सीडिंग के कई प्रयोग किए थे. हालांकि बादलों में नमी न होने के कारण से प्रयोग पूरी तरह से सफल नहीं हो पाए हैं.

दिवाली के बाद से ही दिल्ली में प्रदूषण का कहर

दिल्ली में दिवाली के बाद से ही प्रदूषण का कहर देखने को मिल रहा है. इसके पीछे की वजह पंजाब में जल रही पराली को बताया जा रहा है. आलम यह है कि देश की राजधानी में विजिविलिटी बहुत कम हो गई है. लोगों को खांसी, सर्दी और गले में दर्द जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है.

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