सामान्य रूप से पुरुषों में 30 वर्ष की आयु के बाद टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होना शुरू हो जाता है. हालांकि यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, लेकिन कुछ खास बातें इस प्रक्रिया को तेज या धीमा भी कर सकती है. यदि आपका टेस्टोस्टेरोन स्तर तेजी से कम हो रहा है तो इसका कारण बीमारी भी हो सकती है. टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होने पर कुछ लक्षण उभरने शुरु जाते हैं. क्यों होता टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम और क्या हैंइसके लक्षण. इस संबंध में हमने बात की सीनियर यूरोलॉजिस्ट से.
टेस्टोस्टेरोन केवल यौन क्रियाओं के लिए ही जरूरी नहीं होता है. शरीर में इसके कई और महत्वपूर्ण कार्य भी हैं. हालांकि टेस्टोस्टेरोन की कमी होने पर सबसे ज्यादा प्रभाव यौन क्रियाओं पर ही पड़ता है. डॉक्टरों के अनुसार 30 वर्ष की आयु के बाद इसका स्तर स्वाभाविक रूप से कम होना शुरू हो जाता है. कुछ स्थितियां और दिनचर्या के साथ खानपान का भी इस पर प्रभाव पड़ता है. तनाव के कारण भी इसका स्तर कम होता है. टेस्टोस्टेरोन में कमी होने पर कुछ लक्षण उभरने लगते हैं. जिन्हें अनदेखा नहीं करना चाहिए.
ये होते हैं लक्षण
सीनियर यूरोलॉजिस्टडॉ. जीवन अधिकारी बताते हैं कि टेस्टोस्टेरोन की कमी होने पर कुछ लक्षण उभरने लगते हैं. इनमें यौन इच्छा में कमी, स्तंभन दोष, थकान और ऊर्जा की कमी, मांसपेशियों की शक्ति कम होना, पेट के आसपास मोटापा होना, बाल झड़ना, चिड़चिड़ापन, अवसाद या एकाग्रता की कमी, नींदमें कमी होना, अंडकोष के आकार में बदलाव हो सकती है। टेस्टोस्टेरोन में कमी होने के पीछे बीमारी भी होती हैं.
टेस्टोस्टेरोन का स्तर बनाए रखन के लिए क्या करें
डॉ. जीवन अधिकारी बताते हैं कि शरीर टेस्टोस्टेरोन का स्तर बनाए रखने के लिए सख्ती से कार्य करता है. तनाव, डायबिटीज या गलत खानपान के कारण इसमें कमी हो सकती है. यदि आपको 50 वर्ष की आयु से पहले बताए गए लक्षण महसूस हो रहे हैं तो तुरंत अपनी दिनचर्या में बदलाव करें. स्वस्थ आहार लें जिसमें फल, सब्जियां, प्रोटीन, और स्वस्थ वसा शामिल हों, नियमित रूप से व्यायाम करें. पर्याप्त नींद लें और तनाव कम करें। इसके लिए आप योग, ध्यान, या अन्य विश्राम तकनीकों का सहारा ले सकते हैं. धूम्रपान और शराब का सेवन कम करें. इसके साथ ही आपको डॉक्टर से भी सलाह लेनी चाहिए.