
अभी कुछ हफ्ते पहले की बात है, दिसंबर में FIITJEE के सेंटर्स की एक ऑनलाइन मीटिंग हो रही थी. सोशल मीडिया पर इसकी वीडियो वायरल हुई, जिसमें चेयरमैन गुस्सा करते और गालियां देते दिख रहे हैं.
कुछ कमेंट्स थे- पहले सैलरी मत दो और फिर मीटिंग में गालियां भी दो.
इस घटना के कुछ दिन बीते और फिर एक के बाद एक सेंटर्स बंद होने की खबरें सामने आने लगी. लखनऊ, भोपाल, वाराणसी, मेरठ और फिर दिल्ली-NCR में भी. शुक्रवार को तो नोएडा सेक्टर 62 स्थित सेंटर और कुछ अन्य जगहों पर तोड़फोड़, हंगामा और विरोध प्रदर्शन की खबरें सामने आई हैं.अब जबकि अगले 2 महीने के भीतर बोर्ड एग्जाम्स होने हैं, इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रवेश परीक्षाएं होनी हैं, FIITJEE के सेंटर्स बंद हो गए हैं. हजारों बच्चों का भविष्य अधर में है.
इन बच्चों की मनोदशा का अंदाजा लगाया जा सकता है. जिस वक्त उन्हें कोचिंग संस्थानों की, शिक्षकों की सबसे ज्यादा जरूरत है, वे सड़कों पर परेशान होने को मजबूर हैं, अपने अभिभावकों के साथ सेंटर्स और पुलिस थाने का चक्कर लगाने को मजबूर हैं.
लाखों बच्चों का भविष्य अधर में
FIITJEE कोचिंग का पूरा नाम है- Forum of IIT-JEE. IIT दिल्ली से पासआउट DK गोयल ने 1992 में इसकी शुरुआत की थी. FIITJEE में क्लास 6 से 12वीं तक के बच्चों को कोचिंग दी जाती है. खासतौर से IIT और NIIT जैसे संस्थानों की प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराई जाती है, जिसके जरिए छात्रों को देश के बेहतरीन इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन मिलता है.
इन प्रवेश परीक्षाओं को क्रैक करना लाखों बच्चों का सपना होता है, ताकि भविष्य में वे अच्छे इंजीनियर और डॉक्टर बनें. इन प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले FIITJEE जैसे बड़े कोचिंग संस्थान लाखों रुपये की मोटी फीस लेते हैं. FIITJEE के सेंटर्स बंद होने पर लाखों बच्चों के सपनों पर ग्रहण लग गया है. अभिवावकों का आरोप है कि कोचिंग ने बच्चों से 2 साल की फीस पहले ही ले ली है.
क्यों एक के बाद एक बंद हो रहे सेंटर?
FIITJEE के सेंटर्स के अचानक से बंद होने के कारण हजारों छात्र और अभिभावक गुस्से में हैं. अभिभावकों के अनुसार, कोचिंग संस्थान ने 2 साल की फीस ली है, जबकि पढ़ाई अधूरी है. इस बारे में अधिकारियों का कहना है कि संस्थान के कई शिक्षकों को सैलरी न मिलने के कारण उन्होंने सामूहिक रूप से नौकरी छोड़ दिया और ऐसे में कोचिंग सेंटर्स बंद करने पड़े. नोएडा, गाजियाबाद, भोपाल, वाराणसी, दिल्ली और पटना में FIITJEE कोचिंग सेंटर बंद हो गए हैं.
संस्थान के खिलाफ नारेबाजी
उत्तर भारत में FIITJEE केंद्रों के बाहर विरोध प्रदर्शन भी हुए और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भारी आक्रोश भी देखने को मिला. सेंटर के बाहर प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों ने कहा कि पाठ्यक्रमों की पूरी फीस लेने के बाद बिना किसी सूचना के सेंटर बंद कर दिए गए.
अभिवावकों ने सेंटर के बाहर न केवल विरोध प्रदर्शन किया, बल्कि विरोध में नारेबाजी भी की. अभिवावकों ने फाउंडर DK गोयल और FIITJEE प्रबंधकों को ‘चोर’ बताते हुए नारे लगाए और फीस वापस करने की मांग की.
कई साल से काट रहे शिक्षकों की सैलरी!
शिक्षकों का कहना है कि सैलरी नहीं मिलने की समस्या पिछले तीन-चार साल से चली आ रही है. FIIT JEE सेंटर में केमेस्ट्री के शिक्षक रहे दिव्यांशु मित्तल के मुताबिक, संस्थान ने कभी भी पूरा भुगतान नहीं किया, वे 10-20% की कटौती भी करते रहे, लेकिन आश्वासन देते रहे कि पेमेंट का मसला जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘बीच में कुछ समय के लिए स्थिति बेहतर हुई, लेकिन सैलरी में फिर से कटौती शुरू हो गई. 40-60% तक की कटौती की जाने लगी.’ उन्होंने कहा कि इन सेंटर्स के शिक्षकों ने अगले कोचिंग सत्र शुरू होने से पहले ही नौकरी छोड़ दी है, क्योंकि उन्हें एलन और आकाश जैसे कोचिंग संस्थानों से बेहतर प्रस्ताव मिले हैं.केशव अग्रवाल, निदेशक, भारतीय कोचिंग फेडरेशन बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, ऐसा नहीं होना चाहिए. इससे अभिभावक और छात्र दोनों का विश्वास टूटता है. फेडेरेशन एक्शन लेना चाहती है, लेकिन अभी ये ज्यादा मायने रखता है कि बच्चों का नुकसान ना हो.अभी JEE की परीक्षा चल रही है. हम स्टाफ और टीचर्स के बारे में भी विचार करना चाहते हैं.
पुलिस में की गई शिकायत
नोएडा सेक्टर 62 स्थित सेंटर के बाहर प्रदर्शन कर रहे एक अभिवावक ने कहा कि उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. मेरठ सेंटर के खिलाफ भी पुलिस में मामला दर्ज कराया गया है. वहीं, गाजियाबाद के RDC राजनगर में भी FIITJEE के एक सेंटर पर अभिभावकों ने विरोध प्रदर्शन किया था. उन्होंने सेंटर पर ठगी का आरोप लगाते हुए स्कूल इंस्पेक्टर (DIOS) और गाजियाबाद DM से मामले में शिकायत की. DIOS ने पाया कि कोचिंग ने अपना रजिस्ट्रेशन तक नहीं कराया है. इसके बाद इस सेंटर के मैनेजमेंट के खिलाफ केस दर्ज कराई गई.