
नए चाय कौशल कोर्स
भारत सरकार ने पहली बार चाय साक्षरता (literacy) को बढ़ावा देने के लिए खास कदम उठाया है. इसके तहत एनसीवीईटी-अनुमोदित (NCVET-approved) दो नए कौशल पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं. यह पाठ्यक्रम युवाओं को चाय चखने और चाय सोमेलियर बनने का प्रशिक्षण देंगे. कार्यक्रम का शुभारंभ अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस पर वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल द्वारा किया गया. इन कक्षाओं का संचालन दार्जिलिंग स्थित चाय अनुसंधान और विकास केंद्र, भारतीय चाय बोर्ड, कुर्सियांग में होगा.
क्या होंगे ये नए कोर्स?
विशेष समिति की सिफारिशों पर भारतीय कृषि कौशल परिषद (ASCI) ने ये पाठ्यक्रम तैयार किए हैं.
चाय सोमेलियर की अनिवार्यताएं यह 60 घंटे का कोर्स होगा. इसमें चाय के मूल सिद्धांत, प्रोफेशनल चाय चखने की तकनीकें, नए मिश्रण विकसित करने और आधुनिक चाय मैथड्स को सीखने का अवसर मिलेगा.
चाय चखने के मूल सिद्धांत यह 210 घंटे का कोर्स होगा. इसमें फैक्टरी-स्तर पर चाय चखने, सत्रों का प्रबंधन, मिश्रण तैयार करने और भविष्य की चाय निर्माण प्रक्रियाओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा.
क्यों है ये पहल खास?
सरकार ने चाय उद्योग में रोजगार और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए नए कौशल कोर्स शुरू किए हैं. इन कोर्स में युवाओं को चाय चखने, ग्रेडिंग और सेंसरी असेसमेंट का प्रशिक्षण मिलेगा. सरकार का मानना है कि इससे न सिर्फ प्रशिक्षित युवाओं को नए रोजगार मिलेंगे, बल्कि उपभोक्ताओं को बेहतर गुणवत्ता वाली चाय भी मिलेगी. आधिकारिक जानकारी के अनुसार, यह कदम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है और भारतीय चाय उद्योग को नई दिशा देने में मदद करेगा.
बनिए चाय एक्सपर्ट
सफल प्रशिक्षित युवा देश और विदेश में चाय साक्षरता को बढ़ावा देंगे और भारतीय चाय की पहचान को मजबूत करेंगे. इस पहल से भारत की चाय विश्व स्तर पर और अधिक लोकप्रिय हो सकती है.
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