तूफानी बारिश ने निकाल दिए किसानों की आंख से आंसू

ग्वालियर-चंबल और विंध्य क्षेत्र में 50 प्रतिशत तक फसल चौपट
श्योपुर में किसान ने फंदे पर लटककर दी जान

भोपाल। मोंथा की तूफानी बारिश ने मध्यप्रदेश के किसानों की आंखों से आंसू निकाल दिए हैं। प्रदेश भर में पिछले तीन-चार दिनों से हो रही चक्रवाती बारिश के कारण सोयाबीन, सरसों, धान, उड़द, गेहूं, मटर और तिल की फसल को जबरदस्त नुकसान हुआ है।

श्योपुर में अन्नदाता ने की आत्महत्या

श्योपुर में धान की खराब फसल से परेशान किसान कैलाश मीणा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, जिसके बाद ग्रामीणों ने आक्रोश में चक्काजाम किया। कलेक्टर ने पीड़ित किसान को मुआवजा देते हुए स्थिति को शांत कराया। वहीं, प्रभावित किसानों से मिलने पहुंचे कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल ने उचित मुआवजा मिलने तक जूते नहीं पहनने का संकल्प लिया।

कहा कितना नुकसान

ग्वालियर-चंबल और विंध्य क्षेत्र में फसलों को 50 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा।

धान की खड़ी फसल जमीन पर गिर गई, बालियां काली पड़ने लगीं और अंकुरण का खतरा बढ़ गया।

कई आलू और मटर की फसलें सड़ गईं।

खेतों में खड़ी और कटी फसल, दोनों प्रभावित हुईं।

ग्वालियर, मुरैना, भिंड में बाजरा भी प्रभावित हुआ।

खंडवा, बुरहानपुर, आलीराजपुर और धार में मक्का, सोयाबीन और उड़द की फसल को नुकसान की आशंका।

किसानों की कठिनाई

चक्रवात और अत्यधिक बारिश की वजह से किसानों को फसल सुखाने का मौका नहीं मिल रहा, रबी की तैयारी और बोवनी में बाधा आ रही है।

प्रशासन ने क्या किया

प्रभावित क्षेत्रों में पटवारियों ने फसल सर्वे शुरू कर दिया है। विदिशा, श्योपुर, भिंड, नर्मदापुरम, हरदा, डिंडौरी और कटनी में पंचनामे तैयार किए जा रहे हैं। नुकसान का आंकलन होने के बाद आरबीसी 4/6 के प्रावधानों के तहत प्रभावित किसानों को आर्थिक मदद प्रदान की जाएगी।