देशभर में त्योहारों का मौसम चल रहा है, जिससे बाज़ारों में ग्राहकों की भीड़ उमड़ रही है। त्योहारों को देखते हुए लोग खूब पकवान बना रहे हैं, जिससे सरसों तेल की खपत भी बढ़ गई है। लेकिन आधुनिक दौर में कुछ लोग मिलावट का सरसों तेल बेचने का काम कर रहे हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। दुकानदार मिलावट का तेल बेचकर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
अगर कोई आपको नकली सरसों का तेल बेचता है, तो अब आप उसकी चालाकी पकड़ सकते हैं। हम आपको मिलावटखोरी पकड़ने का एक आसान तरीका बताने जा रहे हैं, जिसमें आपको किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी।

5 मिनट में पहचानें नकली तेल
घर में कोई भी खाद्य सामग्री बनाते समय गुणवत्ता वाले तेल का होना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि मिलावटी तेल स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचा सकता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, शुद्ध सरसों के तेल में एक विशेष प्रकार की गंध आती है और उसका रंग भी गाढ़ा होता है। हालाँकि, बाज़ार में ऐसे केमिकल भी आ गए हैं, जिनका 10 मिलीलीटर भी 10 लीटर तेल में डालने के बाद उसमें ओरिजिनल सरसों के तेल जैसी खुशबू आने लगती है।
लेकिन घबराएँ नहीं! आप घर पर बैठे-बैठे 5 मिनट में पता लगा सकते हैं कि सरसों का तेल शुद्ध है या नहीं। सरसों के तेल के व्यापारी कुलदीप बाजिया के मुताबिक, सरसों के तेल में पाम ऑयल का उपयोग ज़्यादा किया जाता है। पाम ऑयल सरसों के तेल में आसानी से घुल भी जाता है, लेकिन इसका भी पता आसानी से लगाया जा सकता है।
नकली सरसों तेल पहचानने का आसान तरीका
(यहाँ लेख में तरीका विस्तार से नहीं बताया गया है, लेकिन सामान्यतः इस प्रकार के परीक्षणों में ये तरीके शामिल होते हैं):
- फ़्रिज टेस्ट (जमाव बिंदु):
- सरसों के तेल की थोड़ी मात्रा एक छोटी कटोरी में लें।
- इस कटोरी को लगभग 30 मिनट के लिए फ़्रिज में रख दें।
- शुद्ध सरसों का तेल जल्दी जमता नहीं है या बहुत हल्का जम सकता है।
- यदि तेल में पाम ऑयल या अन्य सस्ता तेल मिलाया गया है, तो वह जम जाएगा या उसका गाढ़ापन बढ़ जाएगा।
- रगड़ कर देखें:
- थोड़ा सा सरसों का तेल अपनी हथेली पर लें और उसे रगड़ें।
- शुद्ध सरसों का तेल रगड़ने पर आसानी से फैल जाएगा और एक विशिष्ट तेज़ गंध देगा।
- यदि यह चिपचिपा लगता है या गंध में कोई अंतर महसूस होता है, तो मिलावट की संभावना हो सकती है।
- रंग और गंध का ध्यान रखें:
- हालाँकि केमिकल्स से खुशबू का भ्रम पैदा किया जा सकता है, फिर भी शुद्ध सरसों के तेल की तेज, प्राकृतिक गंध और गहरा पीला रंग उसकी पहचान होती है।
सर्दियों में तले हुए खाद्य पदार्थों की खपत ज़्यादा होती है, जिससे तेल की बिक्री भी काफ़ी बढ़ जाती है। ऐसे में मिलावट की संभावना भी बढ़ जाती है। अपनी और अपने परिवार की सेहत के लिए इन छोटे-छोटे परीक्षणों को अपनाकर शुद्ध तेल का ही उपयोग करें।