सिंगापुर की कंपनी भारत में करेगी 13000 करोड़ रुपए इंवेस्ट, रियल एस्टेट सेक्टर में आएगा बूम

सिंगापुर की कंपनी भारत में करेगी 13000 करोड़ रुपए इंवेस्ट, रियल एस्टेट सेक्टर में आएगा बूम

रियल एस्टेट सेक्टर

सिंगापुर की एसेट मैनेजमेंट कंपनी लाइटहाउस कैंटन आने वाले कुछ सालों में भारत में 1.5 अरब डॉलर (करीब ₹13,000 करोड़) से ज्यादा का निवेश करने जा रही है. कंपनी का ध्यान प्राइवेट क्रेडिट और रियल एस्टेट सेक्टर पर रहेगा. यह जानकारी कंपनी के सीनियर अधिकारियों ने दी. कंपनी के ग्लोबल एसेट मैनेजमेंट बिजनेस के एमडी और सीईओ संकट सिन्हा ने बताया कि अगले तीन से चार साल में 1 अरब डॉलर प्राइवेट क्रेडिट और 50 करोड़ डॉलर रियल एस्टेट में लगाने का लक्ष्य है सिन्हा ने कहा, रियल एस्टेट और प्राइवेट क्रेडिट जैसे वैकल्पिक निवेश के लिए भारत हमारे लिए सबसे अहम बाजारों में से एक रहेगा. हमें भरोसा है कि आने वाले समय में भारत लाइटहाउस कैंटन के लिए सबसे बड़े निवेश केंद्रों में से एक बनेगा.

फिलहाल कंपनी ने भारत में 350 मिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है और हैदराबाद में करीब 12 लाख वर्गफीट का लाइफ साइंसेज रियल एस्टेट पोर्टफोलियो संभाल रही है, जिसमें रिसर्च और डेवलपमेंट लैब्स शामिल हैं. कंपनी भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया में ग्रोथ डेट फंड भी चलाती है, जो मिड से ग्रोथ स्टेज कंपनियों में निवेश करता है. इसके अलावा एक भारत-केंद्रित वेंचर इक्विटी फंड भी है. दुनियाभर में लाइटहाउस कैंटन के पास 4 अरब डॉलर से ज्यादा की संपत्तियों का प्रबंधन है.

नया प्राइवेट क्रेडिट फंड लॉन्च करने की तैयारी

अब कंपनी भारत पर केंद्रित एक नया प्राइवेट क्रेडिट फंड लॉन्च करने की योजना बना रही है. इस फंड से जनवरी 2026 तक 10 से 15 अरब रुपए (करीब $114-171 मिलियन) जुटाने का लक्ष्य है. कंपनी के इंडिया अल्टरनेटिव्स बिजनेस के एमडी प्रणव गुप्ता ने कहा, इस प्राइवेट क्रेडिट फंड में हम ऐसी कंपनियों पर ध्यान देंगे जिनके पास क्रॉस-बॉर्डर मौके हों, अधिग्रहण के लिए फाइनेंसिंग की जरूरत हो, बिजनेस टर्नअराउंड की स्थिति हो, या फिर आईटी और SaaS जैसी एसेट-लाइट कंपनियां हों जिनका कैश फ्लो मजबूत है.

भारत का प्राइवेट क्रेडिट मार्केट तेजी से बढ़ा

भारत का प्राइवेट क्रेडिट मार्केट तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि कई कंपनियां अब अधिग्रहण, डिविडेंड भुगतान या प्रमोटर फंडिंग के लिए पारंपरिक बैंकों की बजाय वैकल्पिक फंडिंग का रुख कर रही हैं. EY की अगस्त रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले तीन सालों में भारत के प्राइवेट क्रेडिट मार्केट में आए कुल निवेश का करीब 55% हिस्सा ग्लोबल फंड्स से आया है. S&P Global की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2025 तक इस सेक्टर में 25-30 अरब डॉलर की एसेट्स हैं, जो भारत की GDP का करीब 0.6% और कॉरपोरेट लेंडिंग का 1.2% है.

गुप्ता के मुताबिक, मिड-मार्केट सेगमेंट (जहां डील साइज $10-50 मिलियन होती है) में निवेश के अच्छे मौके हैं. फिलहाल लाइटहाउस कैंटन के भारत में सात ऑफिस हैं और कंपनी बेंगलुरु और मुंबई में रियल एस्टेट बिजनेस को और बढ़ाने की तैयारी कर रही है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *