
आईए आपको मिलवाते हैं एमपी के करोड़पति सिपाही से। माफ कीजिएगा, पूर्व सिपाही से। इन साहब का नाम सौरभ शर्मा है। इनके कब्जे से एजेंसियों को अभी तक 52 किलो सोना, 234 किलोग्राम चांदी और करीब 3 करोड़ रुपए कैश मिला है। अब आप सोच रहे होंगे कि इतना कैश, ज्वैलरी कहां से आई? ऐसी कौन सी नौकरी करता था सौरभ? तो आइए आपको पूरा माजरा बताते हैं…
दरअसल, सौरभ शर्मा नाम का ये शख्स मध्य प्रदेश परिवहन विभाग में बतौर सिपाही काम करता था। जाहिर है सिपाही की सैलेरी कुछ हजारों में थी, लेकिन इतना बैंक बैंलेस और दूसरी इंवेस्टमेंट देख कर चौंक गए न आप! ग्वालियर के विनय नगर सेक्टर-2 के रहने वाले सौरभ शर्मा के पिता सरकारी डॉक्टर थे। साल 2015 में उनका निधन हो गया था।
सौरभ ने शर्मा ने भ्रष्ट तरीकों से अर्जित धन का इस्तेमाल भारी संपत्ति अर्जित करने में किया, जिसमें अपनी मां, पत्नी, रिश्तेदारों और करीबी सहयोगियों चेतन सिंह गौड़ और शरद जायसवाल के नाम पर स्कूल और होटल स्थापित किया गया। आयकर विभाग ने शर्मा के सहयोगियों गौड़ से नकदी और सोना भी जब्त किया है। तलाशी के दौरान मिले बैंक विवरण और जमीन के दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
उनके पिता डॉ. राकेश कुमार शर्मा के निधन के बाद सौरभ शर्मा को अनुकंपा नियुक्ति दिलाने की साजिश रची। ये साजिश रची उनकी मां ने। अनुकंपा नियुक्ति पाने के लिए शपथ पत्र में सौरभ शर्मा ने लिखा, ”मेरे पिता के आश्रित सदस्यों में से कोई भी शासकीय एवं अर्ध शासकीय सेवा में नहीं है’ लेकिन सच कुछ और था।
सौरभ का बड़ा भाई सचिन शर्मा उस दौरान छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग से चयनित होकर सरकारी नौकरी कर रहा था। ये बात छिपाई गई और सौरभ की नौकरी लग गई। दरअसल, सौरभ की मां ने झूठा शपथ पत्र दिया था। 2015 में सौरभ ने सिपाही के तौर पर नौकरी ज्वाइंन कर ली थी। 2023 आते-आते उसने VRS ले लिया था। इसके पीछे वजह थी उसके भ्रष्ट्र कारनामें।
उसे लगा कि अगर वो नौकरी में रहा तो जल्दी ही पकड़ा जाएगा, लेकिन उस पर कई लोगों की नजरें थी। वो ठेकेदारी करने लगा। लेकिन उसके कारनामें ज्यादा दिनों तक नहीं चले। भोपाल के पॉश इलाके अरेरा कॉलोनी ई-7 में भी सौरभ शर्मा का घर है। सूचना के आधार पर लोकायुक्त पुलिस ने उसके यहां छापा मारा। सौरभ शर्मा के पास 7.98 करोड़ रुपये की चल संपत्ति मिली, जिसमें 2.87 करोड़ रुपये नकद और 234 किलोग्राम चांदी शामिल है।
लोकायुक्त की विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (SPE) ने पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा से जुड़े कई परिसर से ये संपत्तियां बरामद करने के बाद इन्हें जब्त कर लिया है। भ्रष्टाचार निरोधक लोकायुक्त पुलिस के शीर्ष अधिकारी ने बताया कि लोकायुक्त पुलिस ने 18 और 19 दिसंबर को शर्मा के आवास और कार्यालय की तलाशी ली थी।