
200 भारतीय छात्रों को रूस में फ्री एजुकेशनImage Credit source: iStock
भारत और अमेरिका के बीच हाल ही में तेल खरीद और H1-B वीजा को लेकर तनाव बढ़ा था. इस वजह से भारतीय छात्रों के लिए अमेरिका में पढ़ाई और काम करना मुश्किल हो गया, लेकिन अब रूस ने भारतीय छात्रों को बड़ी सौगात दी है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे से पहले रूस ने शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए 200 स्कॉलरशिप की घोषणा की है. इस पहल से भारतीय छात्रों को रूस के नामी विश्वविद्यालयों में पढ़ाई का मौका मिलेगा.
रूस हर साल भारतीय छात्रों को पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप्स देता है. इस बार भी रूस ने 200 स्कॉलरशिप देने का ऐलान किया है. छात्र ग्रेजुएशन, विशेषज्ञ, मास्टर्स और पीएचडी के साथ-साथ एडवांस ट्रेनिंग पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन कर सकते हैं. यह स्कॉलरशिप रूस के लगभग सभी विश्वविद्यालयों को कवर करती है, मॉस्को, सेंट पीटर्सबर्ग, व्लादिवोस्तोक और अन्य बड़े शहरों तक.
पढ़ाई के लिए कई विषयों में विकल्प
पढ़ाई के लिए मेडिकल, फार्मेसी, इंजीनियरिंग, वास्तुकला, कृषि, प्रबंधन, अर्थशास्त्र, अंतरिक्ष, विमानन, कला और खेल समेत कई विषय उपलब्ध होंगे. खास बात यह है कि कई मेडिकल और अन्य कार्यक्रम अंग्रेजी में पढ़ाए जाते हैं, जो छात्र रूसी भाषा नहीं जानते, वो एक साल तक भाषा की ट्रेनिंग लेकर अपने मुख्य कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं.
आवेदन की प्रक्रिया और अंतिम तारीख
इन स्कॉलरशिप्स के लिए आवेदन केवल आधिकारिक वेबसाइट www.education-in-russia.com
पर ही किया जा सकता है. अप्लाई करने की लास्ट डेट 15 जनवरी 2025 है. आवेदन के लिए किसी परीक्षा की जरूरत नहीं है. चयन प्रक्रिया दस्तावेजों और पोर्टफोलियो पर आधारित होगी. इसमें पिछले शिक्षा के अंक, रिसर्च पेपर, अनुशंसा पत्र या प्रतियोगिताओं में उपलब्धियां शामिल होंगी.
विश्वविद्यालय का चयन
छात्र आवेदन में अधिकतम छह विश्वविद्यालयों को प्राथमिकता के तौर पर चुन सकते हैं, हालांकि, अंतिम प्रवेश उसी विश्वविद्यालय में होगा, जो उन्हें चुनेगा. चयन की प्रक्रिया दो चरणों में होगी. पहले चरण में दस्तावेजों की जांच होगी, जबकि दूसरे चरण (अक्टूबर 2025 तक) में चयनित छात्रों को विश्वविद्यालय आवंटित किया जाएगा और वीजा की प्रक्रिया पूरी होगी.
भारतीय छात्रों के लिए नया विकल्प
इस तरह रूस की यह पहल भारतीय छात्रों के लिए अमेरिका के मुकाबले एक नया विकल्प खोलती है. खासकर उन छात्रों के लिए, जिन्हें विदेश में उच्च शिक्षा चाहिए लेकिन वीजा और फीस जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. रूस के इस कदम से भारत-रूस के शैक्षणिक रिश्ते और मजबूत होंगे.