
Rohit Sharma Rahul Dravid Gautam Gambhir: दिग्गज क्रिकेटर रोहित शर्मा को भारतीय वनडे टीम की कप्तानी से हटाए जाने के बाद तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. कुछ लोग कोच गौतम गंभीर तो कुछ चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर पर ये आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने जानबूझकर हिटमैन से कप्तानी वापस ली है. रोहित ने एक साल के अंदर टी20 वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर खुद को साबित किया था. उनका अगला लक्ष्य 2027 वनडे वर्ल्ड कप को जीतना था, लेकिन उन्हें पद से हटा दिया गया. अब रोहित ने अपने ताजा बयान से बवाल मचा दिया है. उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी जीत के लिए पूर्व कोच राहुल द्रविड़ का श्रेय दिया. हालांकि, उस टूर्नामेंट में गौतम गंभीर हेड कोच थे.
राहुल द्रविड़ की प्लानिंग का असर
रोहित ने गौतम गंभीर का नाम नहीं लेकर नया विवाद पैदा कर दिया. सोशल मीडिया पर तो लोग यह भी कहने लगे कि हिटमैन ने इससे अपना बदला ले लिया. उन्होंने मुंबई में सीएट क्रिकेट अवॉर्ड्स 2025 के दौरान कहा कि भारतीय टीम इस साल की शुरुआत में राहुल द्रविड़ के कार्यकाल में स्थापित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए चैंपियंस ट्रॉफी जीती. उन्होंने टीम को पूर्व कप्तान-कोच जोड़ी द्वारा स्थापित विचारधारा को अपनाने का श्रेय दिया.
कप्तानी जाने के बाद रोहित का पहला बयान
रोहित और द्रविड़ की कप्तानी में भारत ने 2023 वनडे विश्व कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से घरेलू मैदान पर मिली हार के बाद अगले दो आईसीसी टूर्नामेंट- 2024 टी20 विश्व कप और 2025 चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर वापसी की. रोहित ने कहा, ”देखिए, मुझे वह टीम बहुत पसंद है. उनके साथ खेलना बहुत अच्छा लगता था और यह एक ऐसा सफर है जिसमें हम सभी कई सालों से लगे हुए हैं. यह एक या दो साल के काम की बात नहीं है. यह कई सालों के काम में शामिल होने की बात है.”
इस तरह टीम इंडिया को मिली जीत
हिटमैन ने आगे कहा, ”हम कई बार उस ट्रॉफी को जीतने के बहुत करीब पहुंच गए थे, लेकिन हम आसानी से जीत नहीं पाए. यहीं पर सभी ने फैसला किया कि हमें कुछ अलग करने की जरूरत है और इसे देखने के दो तरीके हैं. ऐसा करने और फिर असल में ऐसा करने का विचार हमेशा मन में आता है. यह एक या दो खिलाड़ियों द्वारा नहीं किया जा सकता. हमें चाहिए था कि सभी इस विचार को अपनाए और यह सभी की ओर से अच्छा था.”
रोहित शर्मा ने बताई सच्चाई
रोहित ने विस्तार से बताते हुए कहा, ”उस प्रतियोगिता (चैंपियंस ट्रॉफी) में हिस्सा लेने वाले सभी खिलाड़ी इस सोच में डूब गए कि मैच कैसे जीते जाएं, खुद को कैसे चुनौती दें, आत्मसंतुष्ट न हों और किसी भी चीज को हल्के में न लें. ये वो गुण थे जिन्हें हमने अपने अंदर लाने की कोशिश की और हमें लगा कि बार-बार ऐसा करना एक अच्छा तरीका है. सभी ने इस प्रक्रिया का आनंद लिया. पहला मैच जीतकर जब हम जीत की रेखा पार कर गए, तो हमने उस मैच को पूरी तरह से भूलकर अगले मैच पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया. टीम की ओर से यह वाकई बहुत अच्छा था और इसी बात ने मुझे और राहुल भाई को (2024) टी20 विश्व कप और फिर चैंपियंस ट्रॉफी की योजना बनाते समय मदद की. हमने इसे बखूबी निभाया. 2023 में हालांकि हम फाइनल में जीत की रेखा पार नहीं कर पाए. इसके बाद हमने एक टीम के रूप में कुछ करने का लक्ष्य रखा और सभी ने ऐसा किया.”