केशकाल बाइपास को केंद्र से मिली मंजूरी, 308 करोड़ की लागत से बनेगी सड़क ˌ

  •  11.38 किलोमीटर की बनेगी फोरलेन सड़क
  • सड़क परिवहन मंत्रालय ने जारी की स्वीकृति
  • बस्तर की लाइफलाइन की बदलेगी तस्वीर

रायपुर। राजधानी रायपुर को बस्तर से जोडऩे वाली कोंडागांव में स्थित केशकाल बाइपास सड़क को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। 11.38 किलोमीटर लंबी इस बाइपास सड़क निर्माण पर लगभग 308 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह सड़क फोरलेन होगी। बाइपास को मंजूरी दिए जाने पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह बाइपास केशकाल घाट खंड में यातायात बाधाओं को दूर कर सुगम, सुरक्षित व निर्बाध यात्रा सुनिश्चित करेगा।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि डबल इंजन सरकार में तेजी से बस्तर अंचल का विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह स्वीकृति केंद्र और राज्य सरकार की समन्वित विकास नीति का परिणाम है, जो बस्तर जैसे जनजातीय अंचल को मुख्यधारा से जोडऩे की दिशा में एक और ठोस कदम है। इस ऐतिहासिक स्वीकृति के लिए साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की दूरदृष्टि और पहल के लिए आभार जताते हुए इसे बस्तर के विकास के लिए निर्णायक कदम बताया है।

बस्तर अंचल में कनेक्टिविटी को देगा नया आयाम

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-43 (नया एनएच-30) पर केशकाल घाट खंड को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए 307.96 करोड़ रुपए की लागत से 11.380 किलोमीटर लंबा 4-लेन बाइपास निर्माण अपग्रेड की स्वीकृति दी गई है। यह बाइपास पेव्ड शोल्डर मानक के अनुरूप होगा और इसके बनने से बस्तर अंचल में कनेक्टिविटी को नया आयाम मिलेगा। यह परियोजना विशेष रूप से केशकाल घाट के कठिन भौगोलिक खंड को पार करने में सहूलियत प्रदान करेगी।

यातायात दबाव होगा कम

बाइपास के निर्माण से न केवल वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा, बल्कि वाहन चालकों को तेज, सुगम और निर्बाध यात्रा का अनुभव भी मिलेगा। बाइपास निर्माण से शहरी क्षेत्रों में यातायात का दबाव कम होगा, जिससे स्थानीय नागरिकों को जाम और दुर्घटना की समस्या से राहत मिलेगी। इसके साथ ही प्रदूषण के स्तर में भी गिरावट आएगी, जिससे पर्यावरणीय संतुलन को भी बढ़ावा मिलेगा।

घाटी में ब्रिटीशकाल में बनी थी सड़क

केशकाल घाटी में सड़क ब्रिटीशकाल में बनी थी। अंग्रेज शासक ने इसका निर्माण 1910 में कराया था। जंगल से होते हुए पहाड़ों और चट्टानों को काटकर सर्पीलाकार सड़क बनाई गई। यह सड़क आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा को भी जोड़ती है।

घाटी का फैक्ट फाइल

  • एनएच क्रमांक-30
  • बाइपास की लंबाई- 11.38 किलोमीटर
  • दैनिक यातायात दबाव- लगभग 25000 वाहन
  • खतरनाक मोड़- 12

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