
7000 करोड़ रुपये का ऑफर ठुकराया
भारत में मिनरल वाटर के 32 फीसदी बाजार पर राज करने वाली बिसलेरी को खरीदने के लिए पेप्सी टाटा जैसी कंपनियां आईं। देशभर में बिसलेरी के 122 प्लांट और 4500 से ज्यादा डिस्ट्रीब्यूटर हैं। रतन टाटा की कंपनी ने इसे खरीदने के लिए 7000 करोड़ रुपये की पेशकश की लेकिन 42 साल की जयंती ने इस ऑफर को ठुकरा दिया था।
बुजुर्ग पिता की मजबूरी ने बेटी को कारोबार की ओर खींचा। जो अब तक बिसलेरी से दूर थी अब पूरे कारोबार को विस्तार देने में जुटी है। कंपनी को खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे सभी खरीदारों को जयंती चौहान ने साफ जवाब दिया कि बिसलेरी बिकाऊ नहीं है।
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एक साल में कमाए 2300 करोड़ रुपये
जयंती चौहान के आने से टाटा के साथ बिसलेरी का सौदा नहीं हो सका। जयंती ने अपने पिता की उत्तराधिकारी बनकर इस कंपनी का नेतृत्व करने का फैसला किया। भले ही शुरुआत में उनकी बिसलेरी में कोई दिलचस्पी नहीं थी लेकिन जब उन्होंने कमान संभाली तो नजारा बदल गया। साल 2022-23 में बिसलेरी इंटरनेशनल का रेवेन्यू 2300 करोड़ रुपये रहा।
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अंबानी और रतन टाटा को टक्कर
फैशन और फोटोग्राफी में दिलचस्पी लेने वाली जयंती ने न सिर्फ कंपनी का मुनाफा बढ़ाया बल्कि बेवरेज सेगमेंट में मुकेश अंबानी और रतन टाटा को भी टक्कर दे रही हैं। बोतलबंद पानी के कारोबार में बिसलेरी का दबदबा है। पिछले साल उन्होंने नया कार्बोनेटेड बेवरेज लॉन्च करने का ऐलान किया था। रेव पॉप और स्पाइसी जीरा नामक सब-ब्रांड लॉन्च करने की घोषणा की ये तीनों ही कोला संतरा और जीरा श्रेणियों को पूरा करते हैं। बिसलेरी ने इन नए उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग डिजिटल और सोशल मीडिया मार्केटिंग अभियान भी शुरू किए। जयंती मार्केटिंग में माहिर हैं। वह खुद कंपनी के विज्ञापन अभियान संभालती हैं।