
ज्योतिष न्यूज़ डेस्कः लंका पति रावण के बारे में तो हम सभी जानते हैं कि वह एक महान विदवान और भगवान शिव का परम भक्त था। रावण ने कठोर तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न किया और कई शक्तियां भी प्राप्त की थी।
जिसके कारण वह शक्तिशाली कहलाया। लेकिन आज हम आपको अपने इस लेख दवारा बता रहे हैं कि लंकापति रावण अकेला क्यों सोता था इसके पीछे क्या कारण था, तो आइए जानते हैं।
अकेले सोने के पीछे यह है कारण-
ऐसा कहा जाता है कि लंकापति रावण बहुत जोर से खरार्ट लेता था जिसके कारण उसके पास कोई भी सो नहीं सकता था। जब माता सीता की खोज में हनुमान लंका पहुंचे तो उन्होनें उसे अपने कक्ष में अकेले सोते हुए देख और देखा की वह जोर जोर से खरार्ट ले रहा है। रावण स्वयं को बहुत ही शक्तिशाली और विद्रवान मानता था उसे लगता था कि उसके योग्य इस संसार में कोई नहीं है।
इस अहंकार के कारण वह अकेलापन महसूस करता था और अकेला सोता था। ऐसा कहा जाता है कि रावण बहुत ही शक्तिशाली था जिसके कारण उसके शरीर से अधिक उर्जा निकलती थी। यही कारण है कि कोई उसके पास नहीं रह पाता था और इसलिए वह अकेला ही सोता था।
रावण ने मरते समय राम से कहीं ये बातें-
रावण ने भगवान राम से कहा था हे राम मैं शक्ति में आपसे कहीं भी पीछे नहीं हूं और हर क्षेत्र में आपसे आगे ही हूं। लेकिन फिर भी मैं इस युद्ध में तुमसे हार गया। जिसकी एक ही वजह है कि मेरे पास आपके लक्ष्मण जैसा भाई नहीं था। उसने भगवान श्रीराम से कहा कि बुर समय में भाई का साथ देने वाला ही सच्चा भाई होता है।