
मास्टर प्लान में बेशुमार गड़बड़ियां, 176 शिकायतें सरकारी फाइलों में कैद
राजधानी के मास्टर प्लान-2031 की गड़बड़ियों को सुधारने में नगर और ग्राम निवेश विभाग की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मास्टर प्लान को लेकर प्राप्त 176 शिकायतों और सुझावों की जांच पूरी हो चुकी है, लेकिन अब तक विसंगतियों को ठीक करने की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई है। विभागीय समिति ने सभी शिकायतों का परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट संचालक को सौंप दी है, फिर भी अंतिम निर्णय फाइलों में अटका हुआ है। वहीं दूसरी ओर, मौजूदा मास्टर प्लान के अनुसार ही नगर निगम में कई विकास कार्यों को मंजूरी दी जा रही है।
छह प्रमुख बिंदुओं पर मिली विसंगतियां
जांच समिति ने फील्ड सर्वे करके छह प्रमुख बिंदुओं पर विसंगतियां पाई हैं: मिश्रित जोनिंग, आमोद-प्रमोद भूमि का दुरुपयोग, जलाशयों पर कब्जा, भूमि उपयोग में बदलाव, सड़कों की चौड़ाई में कमी और गलत नक्शे पर शहर का विकास।
डेढ़ साल से लटका हुआ मामला
लगभग डेढ़ साल से यह मामला केवल जांच और समीक्षा तक सीमित है। अभी तक न तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई हुई है और न ही मास्टर प्लान में सुधार किया गया है। फिलहाल, इसी अवधि में कुछ सड़कों का नक्शे से गायब होना भी देखा गया। रिपोर्ट में इन सभी बिंदुओं पर सुधार की अनुशंसा की गई है।
विसंगतिपूर्ण मास्टर प्लान के आधार पर भवन निर्माण और जमीन विकास की स्वीकृतियां जारी हैं, जिससे भविष्य में शहरी विकास के नए संकट खड़े हो सकते हैं। इसके बावजूद विभागीय स्तर पर केवल बैठकों और विचार-विमर्श का दौर जारी है। विभागीय की ओर से रिपोर्ट पर अंतिम निर्णय जल्द लेने की तैयारी की जा रही है, ताकि रायपुर के विकास कार्यों में पारदर्शिता और नियमितता लाई जा सके। लेकिन जब तक संशोधित मास्टर प्लान जारी नहीं होता, तब तक रायपुर का शहरी ढांचा गलत नक्शे पर ही आगे बढ़ता रहेगा।
कुछ महीनों बाद मिली शिकायतें
ज्ञात हो कि कांग्रेस शासनकाल में 13 जुलाई 2023 को रायपुर मास्टर प्लान-2031 लागू किया गया था। इसके कुछ ही महीनों बाद इसमें गंभीर गड़बड़ियों की शिकायतें सामने आईं। जांच में पाया गया कि शहर के कई तालाबों की भूमि को आवासीय या कृषि उपयोग के लिए चिन्हित कर दिया गया है। वहीं, मुख्य सड़कों की चौड़ाई घटा दी गई है और कुछ सड़कों को नक्शे से ही हटा दिया गया है। इन अनियमितताओं को लेकर विधानसभा में भी कई बार सवाल उठ चुके हैं। इसके बाद इन गड़बड़ियों को सुधारने के लिए मास्टर प्लान पर फिर से काम शुरू हुआ, लेकिन इसका नतीजा अब तक सामने नहीं आ पाया है। इस वजह से शहर में चारों तरफ अवैध प्लाटिंग में भी बढ़ोतरी हुई है। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
शिकायतों का परीक्षण हो गया
रायपुर मास्टर प्लान के संबंध में प्राप्त शिकायतों का परीक्षण कर लिया गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर मास्टर प्लान की गड़बड़ियों को जल्द सुधारा जाएगा।
अवनीश शरण, संचालक, नगर और ग्राम निवेश विभाग




