
पुष्कर झील
Pushkar Jhil Ka Nirman Kaise Hua:राजस्थान के अजमेर जिले में एक पवित्र और ऐतिहासिक झील है. इस झील का नाम है पुष्कर झील. इस झील के निर्माता कोई और नहीं जगत के रचयिता भगवान ब्रह्मा जी हैं. इस झील पर जानें का सबसे शुभ समय कार्तिक पूर्णिमा के दौरान माना जाता है. इस झील में स्नान भी किया जाता है. कार्तिक पूर्णिमा पर पुष्कर झील में स्नान करने महत्व हिंदू धर्म शास्त्रों में बताया गया है. पुष्कर झील बहुत ही विशेष मानी जाती है.
यह झील 52 घाटों और 300 से अधिक मंदिरों से घिरी हुई है. पुष्कर झील की गिनती हिंदू धर्म में पांच पवित्र झीलों में की जाती है. इन झीलों में मान सरोवर, बिंदु सरोवर, नारायण सरोवर और पंपा सरोवर शामिल हैं. पुष्कर झील के बारे मेंपुराणों में कथाएं मिलती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि ब्रह्मा जी के हाथ से कैसे ये झील बनी थी?
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार…
हिंदू पौराणिक कथाओं में इस झील का निर्माण भगवान ब्रह्मा के कमल से गिरी एक पंखुड़ी से हुआ बताया जाता है. ब्रह्मा जी एक धार्मिक समारोह करना चाहते थे और इसके लिए उनको एक जगह की तलाश थी. उन्होंने अपने हाथ से एक कमल का फूल गिराया और जहां-जहां भी उस फूल की फंखूड़ियां गिरी वहां एक झील बन गई. इनमें से ही एक है पुष्कर झील. इसे पुष्कर सरोवर या लोटस लेक भी कहा जाता है.
कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान से नष्ट होते हैं पाप
पुष्कर झील ऐतिहासिक होने के साथ-साथ आध्यात्म का केंद्र भी माना जाता है. यहां आने का सबसे विशेष अवसर कार्तिक पूर्णिमा का होता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन पुष्कर झील में स्नान करने का खास महत्व माना गया है. कार्तिक पूर्णिमा पर पुष्कर झील में स्नान करने से लोगों के पाप नष्ट हो जाते हैं. इस दिन यहां स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
ये है एक मान्यता
हर साल यहां कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर एक मेला आयोजित किया जाता है, जिसकी शुरुआत हो चुकी है. ये मेला 30 अक्टूबर को शुरू हुआ और पांच नवंबर तक चलेगा. कार्तिक पूर्णिमा चार नवंबर को है. मान्यता है कि चारधाम तीर्थयात्रा के बाद जब तक कोई व्यक्ति पुष्कर में स्नान नहीं करता है, तब तक उसको पुण्य फल नहीं मिलता है.
ये भी पढ़ें:Tulsi Vivah 2025: तुलसी विवाह के दिन अधूरी रह जाएगी पूजा, गलती से भी न भूलें ये खास सामग्री!
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.




