सीने में था ‘कद्दू’ बराबर ट्यूमर, दिल ने भी छोड़ दी थी जगह, डॉक्टरों ने रचा इतिहास “ • ˌ

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There was a 'pumpkin' sized tumor in the chest, the heart had also given up space, doctors created historyThere was a 'pumpkin' sized tumor in the chest, the heart had also given up space, doctors created history
There was a ‘pumpkin’ sized tumor in the chest, the heart had also given up space, doctors created history

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रायपुर; छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अम्बेडकर अस्पताल के डॉक्टरों ने इतिहास रच दिया है. डॉक्टरों ने पेशेंट के फेफड़े और हार्ट से चिपका पांच किलो का ट्यूमर निकाला है. मरीज स्वस्थ होकर हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो चुका है. ट्यूमर इतना बड़ा था कि मरीज दो महीनों से ठीक से सांस नहीं ले पा रही थी. ऑपरेशन के पहले उसे वेंटीलेटर पर रखना पड़ा. मेडिकल भाषा में इसे मेडिस्टाइनल ट्यूमर कहा जाता है. कैंसर सर्जन डॉ. आशुतोष गुप्ता और चेस्ट सर्जन डॉ. कृष्णकांत साहू की टीम ने यह ऑपरेशन किया.

जिस मरीज की सर्जरी की गई वह एक 52 साल की महिला थी. डॉक्टरों का कहना है कि उन्होंने इतने बड़े ट्यूमर को पहली बार देखा. अमूमन इतना बड़ा ट्यूमर मिलना दुनिया में रेयर है. डॉक्टरों ने बताया कि ट्यूमर नहीं निकालने पर शरीर के वाइटल ऑर्गन हार्ट और फेफड़े को नुकसान हो सकता था. मरीज 2 महीने से ठीक से सांस भी नहीं ले पा रही थी. यही वजह है कि सर्जरी से पहले उसे वेटिंलेटर पर रखना पड़ा.

दिल साइड में हो गया था शिफ्ट
कैंसर सर्जन डॉ. आशुतोष गुप्ता और चेस्ट सर्जन डॉ. कृष्णकांत साहू ने मिलकर महिला का ऑपरेशन किया. मरीज को सांस में तकलीफ के बाद अस्पताल लाया गया. सीटी स्कैन व अन्य जांच में खुलासा हुआ कि महिला की छाती के अंदर और हार्ट से चिपका हुआ बहुत बड़ा ट्यूमर बन गया है. महिला की हालत इतनी खराब थी कि ठीक से सांस भी नहीं ले पा रही थी. उसे हाईप्रेशर वेंटीलेटर में रखा गया. ट्यूमर इतना बड़ा था कि उसने हार्ट को दबाकर दूसरे भाग में शिफ्ट कर दिया था. फेफड़े के साथ-साथ सांस नली भी दब गई थी.

रायपुर में मेडिसिटी
इधर, छत्तीसगढ़ को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मेडिकल टूरिज्म के क्षेत्र में पहचान दिलाने की तैयारी की जा रहा है. नवा रायपुर अटल नगर में आधुनिक सुविधा युक्त मेडिसिटी बनाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. यहां 200 एकड़ भूमि पर मेडिसिटी विकसित की जाएगी. नवा रायपुर के सेक्टर 37 में भूमि का चिन्हांकन हो चुका है. प्रोजेक्ट में निजी निवेश की सहायता से लगभग 5,000 बिस्तर क्षमता की स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास किया जाएगा. सुविधायुक्त मेडिसिटी से छत्तीसगढ़ ही नहीं पड़ोसी राज्यों के लोगों को भी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी.

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