
उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में एक दर्दनाक घटना ने सभी को झकझोर दिया। बेतवा नदी के किनारे एक प्रेमी और प्रेमिका की लाशें एक-दूसरे के गले में हाथ डाले हुईं मिलीं। दोनों के मुंह से झाग निकल रहा था, और उनके पैरों में बोरी बंधी हुई थी। यह दृश्य सबसे पहले सीता कुंड के पास क्रिकेट खेल रहे बच्चों ने देखा। बच्चों की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग इकट्ठा हो गए और पुलिस को खबर दी गई।
मौके पर पहुंची पुलिस को वहां सिगरेट के टुकड़े और दोनों की चप्पलें साथ में रखी हुई मिलीं। शुरुआती जांच में पुलिस को शक है कि दोनों ने ज़हर खाकर आत्महत्या की है।
एक अधूरी मोहब्बत की पहचान
पुलिस ने जब शवों की पहचान के लिए फोटो सर्कुलेट की, तो दो घंटे बाद दोनों की पहचान हो सकी। लड़के का नाम बालकिशन (21) था, जो तालबेहट के मोहल्ला चौबयाना में रहता था और एक होटल में वेटर का काम करता था। लड़की की पहचान रिमझिम उर्फ मुनमुन के रूप में हुई, जो उसी मोहल्ले के रहने वाले रफीक खां की बेटी थी और इंटर की छात्रा थी।
एक दिन बाद थी लड़के की रिंग सेरेमनी
बालकिशन के पिता काशीराम ने बताया कि सोमवार को उनके बेटे की सगाई कस्बा जखौरा में तय थी और वे उसी की तैयारी कर रहे थे। रविवार को बालकिशन ने खाना खाने के बाद कहा कि वह भागवत कथा सुनने जा रहा है, लेकिन फिर लौटकर नहीं आया।
रिमझिम के भाई ने बताया कि वह उनकी इकलौती बहन थी और पिता का पहले ही निधन हो चुका था।
अंतिम विदाई और सवाल
पोस्टमॉर्टम में दोनों के शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं पाए गए, जिससे ज़हर खाने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि मौत का कारण साफ नहीं हो सका, इसलिए बिसरा जांच के लिए सुरक्षित रखा गया है।
रिमझिम का शव कब्रिस्तान में दफनाया गया, जबकि बालकिशन का अंतिम संस्कार मुक्तिधाम में किया गया। मोहल्ले में चर्चा है कि दोनों के बीच प्रेम संबंध था, लेकिन उनके घरवाले इस रिश्ते को मंजूरी नहीं देते थे। बालकिशन की शादी तय हो चुकी थी और रिमझिम को यह बात पता चल गई थी।
क्या प्यार मजहब और समाज से हार गया?
पड़ोसियों का मानना है कि दोनों अलग-अलग धर्मों से थे, और घर वालों की नाराजगी और समाज के डर से दोनों ने एक साथ मौत को गले लगा लिया। पुलिस अब बिसरा रिपोर्ट का इंतज़ार कर रही है ताकि असली वजह सामने आ सके।