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धर्म के नाम पर उत्पीड़न इसकी समझ की कमी के कारण हुआ... अमरावती में बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत

मोहन भागवत.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि धर्म के नाम पर होने वाले सभी उत्पीड़न और अत्याचार गलतफहमी और धर्म की समझ की कमी के कारण हुए. उन्होंने धर्म को महत्वपूर्ण बताते हुए इसकी उचित शिक्षा देने की वकालत की. उन्होंने कहा कि धर्म हमेशा से अस्तित्व में रहा है और सब कुछ इसके अनुसार चलता है, इसीलिए इसे सनातन कहा जाता है. धर्म का आचरण ही धर्म की रक्षा है.

महाराष्ट्र के अमरावती में महानुभाव आश्रम के शताब्दी समारोह में उन्होंने कहा कि धर्म महत्वपूर्ण है और इसकी उचित शिक्षा दी जानी चाहिए. क्योंकि धर्म का अनुचित और अधूरा ज्ञान अधर्म की ओर ले जाता है. उन्होंने आगे कहा कि धर्म के नाम पर दुनिया भर में हुए सभी उत्पीड़न और अत्याचार वास्तव में धर्म की गलतफहमी और समझ की कमी के कारण हुए.

इससे पहले मानव धर्म को सभी धर्मों का शाश्वत बताया था

भागवत ने इससे पहले शुक्रवार को कहा था कि मानव धर्म सभी धर्मों का शाश्वत धर्म है जो विश्व धर्म है. इसे हिंदू धर्म भी कहा जाता है. हालांकि, दुनिया इस धर्म को भूल गई है. उनका धर्म एक ही है, लेकिन वे भूल गए हैं और उसके कारण आज हम पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं समेत विभिन्न प्रकार की समस्याएं देख रहे हैं.

संघ प्रमुख ने आगे कहा था कि हमारे देश के बाहर बहुत से लोग सोचते हैं कि भारत के भूमिका निभाए बिना विश्व शांति संभव नहीं है. उनका मानना है कि यह केवल भारत और इसकी समृद्ध परंपरा ही है जो ऐसा कर सकती है और 3 हजार सालों से ऐसा होता आया है. दुनिया की इस जरूरत को पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है.

व्यक्ति को अहंकार से दूर रहने की दी थी नसीहत

इससे दो दिन पहले भारत विकास परिषद के विकलांग केंद्र के रजत जयंती समारोह को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा था कि हर व्यक्ति को अहंकार को दूर रखना चाहिए वरना वह गड्ढे में गिर सकता है. उन्होंने अहंकार के बारे में अपनी बात रखने के लिए रामकृष्ण परमहंस की शिक्षाओं का हवाला दिया.