इस बात के कई सबूत सामने आ चुके हैं कि किसी दौर में संपूर्ण विश्व में एक ही धर्म हुआ करता था – सनातन धर्म। लोग सनातन धर्म के मुताबिक ही अपना जीवन यापन किया करते थे। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मुस्लिम देश के बारे में बताने वाले हैं जहाँ रहने वाले लोगों के द्वारा आज भी भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। यहाँ के लोगों के दिलों में भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अपार श्रद्धा और भक्ति का भाव दिखाई देता है।

मध्य एशिया का प्राचीन देश: उज़्बेकिस्तान
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिस देश की बात आज हम करने वाले हैं, वह कोई और नहीं बल्कि मध्य एशिया का प्राचीन सभ्यता वाला देश उज़्बेकिस्तान है। अगर आप इस देश के प्राचीन इतिहास को पढ़ना शुरू करेंगे तो आपको यह बात समझ आ जाएगी कि यह देश सनातन धर्म से ही निकला हुआ प्रतीत होता है।
इस देश में मौजूद शिवा शहर आज भी अपने अंदर हज़ारों सालों की संस्कृति को समेट कर रखे हुए है। आपको बता दें कि इस शहर में रहने वाले लोग आज भी भगवान कृष्ण को अपना भगवान मानकर उनकी पूजा किया करते हैं। आपको यह बात जानकर आश्चर्य होगा कि इस शहर में रहने वाले लोगों को महाभारत में कृष्ण की भूमिका के बारे में भी सब कुछ मालूम है।
कट्टरपंथियों का विरोध और लोगों की अटूट आस्था
किसी मुस्लिम देश में भगवान कृष्ण के प्रति इतनी ज़्यादा श्रद्धा रखने और पूजा करने की वजह से आज के दौर में कट्टरपंथी लोग इन सभी बातों से काफी ज़्यादा जलने लगे हैं। बावजूद इसके, वहाँ रहने वाले लोगों के ऊपर कट्टरपंथियों के विचारों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। हालाँकि, यहाँ यह बात हमें ज़रूर देखने को मिलती है कि यहाँ के लोग आज के दौर में श्रीकृष्ण की मूर्ति अपने घरों में रखने से डरते हैं। उनके अंदर मौजूद डर के पीछे की वजह शायद बताने की कोई ज़रूरत नहीं होगी।
भले ही यहाँ के लोग अपने घरों में या फिर अपने पास भगवान की मूर्ति या फ़ोटो नहीं रखा करते, बावजूद इसके उनके दिलों में भगवान श्रीकृष्ण के प्रति काफी ज़्यादा लगाव और प्रेम की भावना मौजूद है।
रीति-रिवाज और मान्यताओं में भारतीय समानता
उज़्बेकिस्तान के शिवा शहर में रहने वाले लोगों के मुताबिक, यहाँ के लोगों का रहन-सहन से लेकर रीति-रिवाज तक भारतीय समुदाय के लोगों से काफी ज़्यादा मिलता-जुलता है। यहाँ रहने वाले लोग पेड़-पौधों की भी पूजा किया करते हैं। हालाँकि, यहाँ ज़्यादा संख्या में पेड़ मौजूद नहीं हैं, बावजूद इसके लोग वहाँ मौजूद पेड़ों की पूजा करते हैं।
ईरानी लोगों की मानें तो उन्होंने सबसे पहले इस शहर को ढूंढ निकाला था। परंतु इस शहर में उन्हें पूर्ण सत्य नज़र नहीं आता है क्योंकि यहाँ के लोगों का विश्वास सबसे ज़्यादा भगवान कृष्ण के प्रति है। यहाँ के लोगों के भगवान कृष्ण के प्रति आस्था को देखने के बाद यह बात तो पूर्ण रूप से सिद्ध हो जाती है कि सनातन धर्म सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में फैला हुआ था। शायद यही वजह है कि आज भी यहाँ रहने वाले लोग सनातन धर्म के मुताबिक भगवान श्रीकृष्ण की पूजा किया करते हैं।