Paush Month Pradosh vrat 2024 पौष माह में प्रदोष व्रत कब-कब है? अभी नोट कर लें सही डेट और मुहूर्त “ • ˌ

Paush Month Pradosh vrat 2024: पौष माह में प्रदोष व्रत कब-कब है? अभी नोट कर लें सही डेट और मुहूर्त

पौष माह प्रदोष व्रत

Paush Pradosh vrat date: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन संध्याकाल में यानी प्रदोष काल के दौराम भगवान शिव और मां पार्वती की उपासना करने का विधान है. धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन पूरी श्रद्धापूर्वक पूजा और व्रत करने से व्यक्ति को मनचाहा वर मिलता है और रुके हुए बन जाते हैं. इसके अलावा, कुछ खास चीजों का दान करने से जीवन की सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है. फिलहाल पौष माह चल रहा है और इसका समापन 13 जनवरी 2025 को होगा. आइए इस लेख में जानते हैं कि पौष माह में प्रदोष व्रत कब-कब पड़ रहा है और पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में.

पौष कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत कब है?

पंचांग के अनुसार, पौष माह का पहला प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाएगा. इस साल पौष कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 28 दिसंबर को सुबह 2 बजकर 26 मिनट से हो रही है. वहीं, इस तिथि का समापन 29 दिसंबर को सुबह 3 बजकर 32 मिनट पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, 28 दिसंबर को पौष माह का पहला प्रदोष व्रत रखा जाएगा. शनिवार के दिन पड़ने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाएगा.

  1. पूजा का शुभ मुहूर्त – 28 दिसंबर शाम 5 बजकर 21 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 06 मिनट तक.

पौष शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत कब है?

पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 11 जनवरी को सुबह 8 बजकर 21 मिनट से होगी. वहीं, इस तिथि का समापन 12 जनवरी की सुबह 06 बजकर 33 मिनट पर होगा. ऐसे में पौष माह का दूसरा प्रदोष व्रत 11 जनवरी को रखा जाएगा. शनिवार के दिन पड़ने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाएगा.

  1. पूजा का शुभ मुहूर्त – 11 जनवरी शाम 5 बजकर 43 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 26 मिनट तक.

प्रदोष व्रत पूजा विधि (Pradosh Vrat Puja Vidhi)

  • इस दिन सुबह जल्दी उठकर नहाने के बाद साफ कपड़े पहनें.
  • फिर सूर्य देव को तांबे के लोटे से जल अर्घ्य देना चाहिए.
  • इसके बाद चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर शिव परिवार की प्रतिमा रखें.
  • महादेव को फूलऔर बेलपत्र समेत आदि चीजों को अर्पित करें.
  • मां पार्वती को सोलह श्रृंगार की चीजें चढ़ानी चाहिए.
  • फिर घी का दीपक जलाकर आरती और शिव चालीसा का पाठ करें.
  • महादेव से जीवन में सुख-समृद्धि के लिए कामना करें.
  • फिर मिठाई, दही, भांग, पंचामृत, शहद और दूध आदि का भोग लगाएं.
  • प्रदोष काल में भी विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें.
  • पूजा करने के बाद अन्न, धन और वस्त्र का दान करें.