कांग्रेस नेता शशि थरूर के नेतृत्व में संसदीय समिति की बैठक, कई मुद्दों पर हुई चर्चा

कांग्रेस नेता शशि थरूर के नेतृत्व में संसदीय समिति की बैठक, कई मुद्दों पर हुई चर्चा

कांग्रेस सांसद शशि थरूर

कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता में मंगलवार (7 अक्टूबर) को पुनर्गठित विदेश मंत्रालय की संसदीय स्थायी समिति की बैठक हुई.
ये बैठक आगामी वर्ष के लिए चर्चा के विषयों को तय करने के लिए थी. इस दौरान बैठक में सदस्यों ने वैश्विक अनिश्चितता के बीच पारदर्शिता और स्पष्टता की जरूरत का हवाला देते हुए भारत की व्यापार कूटनीति और वैश्विक आर्थिक संबंधों पर विस्तृत चर्चा की मांग की. वहीं कुछ सदस्यों ने तेजी से बदलते क्षेत्रीय परिस्थितियों को देखते हुए भारत-चीन और भारत-बांग्लादेश संबंधों की गहन समीक्षा की मांग की.

विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति बैठक में समिति के 2025-26 के कार्यकाल के लिए जांचे जाने वाले विषयों के चयन पर चर्चा की गई. कांग्रेस नेता शशि थरूर के नेतृत्व वाली समिति ने सुबह 11:30 बजे संसद भवन एनेक्सी एक्सटेंशन बिल्डिंग (ईईपीएचए) में अपनी बैठक शुरू की. जिसमें “2025-26 के कार्यकाल के दौरान समिति द्वारा परीक्षा के लिए विषयों के चयन के संबंध में ज्ञापन संख्या 1 पर विचार” पर चर्चा की गई.

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने क्या कहा

पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बताया कि वर्ष के लिए एजेंडा अपनाया गया है. थरूर ने कहा कि जब तक लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला इसे मंजूरी नहीं दे देते, तब तक उन्हें एजेंडे पर बोलने की स्वतंत्रता नहीं है. उन्होंने कहा ‘हमने अभी-अभी वर्ष के लिए एजेंडा अपनाया है. जब तक अध्यक्ष इसे मंजूरी नहीं देते, मैं इस बारे में बात करने के लिए स्वतंत्र नहीं हूं…समिति ने वर्ष के लिए एजेंडा को अध्यक्ष को सौंपने के लिए अपना लिया है’.

समिति में कुल 30 सदस्य

2 अक्टूबर को लोकसभा अध्यक्ष द्वारा एक वर्ष की अवधि के लिए समिति का पुनर्गठन किए जाने के बाद से समिति की यह पहली बैठक थी.
समिति में कुल 30 सदस्य हैं, जिनमें से 20 लोकसभा से और 10 राज्यसभा से हैं. शशि थरूर के अलावा, लोकसभा से डी के अरुणा, विजय बघेल, मितेश पटेल बकाभाई, अभिषेक बनर्जी, अरुण गोविल, दीपेंद्र सिंह हुड्डा, नवीन जिंदल, नवस्कनी के, बृजेंद्र सिंह ओला, असदुद्दीन ओवैसी, सनातन पांडे, प्रदीप कुमार पाणिग्रही, रविशंकर प्रसाद, अविनाश रेड्डी, अपराजिता सारंगी, अरविंद गणपत सावंत, प्रणीति सुशील कुमार शिंदे, बांसुरी स्वराज और अक्षय यादव शामिल हैं.

राज्यसभा सदस्य, अयोध्या रामी रेड्डी अल्ला, जॉन ब्रिटास, राघव चड्ढा, सागरिका घोष, के लक्ष्मण, सतनाम सिंह संधू, राजीव शुक्ला, ए डी सिंह, रतनजीत प्रताप नारायण सिंह, सुधांशु त्रिवेदी हैं.

8 अप्रैल, 1993 को गठन

विदेश मामलों पर विभाग-संबंधित संसदीय स्थायी समिति (डीआरएससी) का गठन पहली बार 8 अप्रैल, 1993 को किया गया था. बाद में 2004 में इसे सीमित कर दिया गया, जिससे समिति की संख्या 17 से बढ़कर 24 हो गई. समिति संबंधित मंत्रालयों/विभागों की अनुदान मांगों पर विचार करती है और सदन को उस पर रिपोर्ट प्रस्तुत करती है. मंत्रालय से संबंधित और उन्हें भेजे गए विधेयकों की जांच करती है. वार्षिक रिपोर्टों पर विचार करती है, और सदन में प्रस्तुत राष्ट्रीय आधारभूत दीर्घकालिक नीति दस्तावेजों पर विचार करती है.

यदि समय की अनुमति हो तो समिति विभिन्न अन्य विषयों की भी विस्तृत जांच कर सकती है, जैसे पासपोर्ट सुविधाएं, पाक अधिकृत कश्मीर और उत्तरी क्षेत्रों की स्थिति, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, तथा संयुक्त राष्ट्र में भारत की भूमिका, विशेष रूप से सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता का दावा, भारत-पाकिस्तान संबंध, और अन्य कई बातें.

समिति की पिछली बैठक 23 सितंबर को हुई थी

समिति की पिछली बैठक 23 सितंबर को हुई थी, जहां उन्हें विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधियों द्वारा ‘भारत-श्रीलंका संबंध और आगे का रास्ता’ विषय पर जानकारी दी गई थी. साथ ही विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधियों द्वारा अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों और प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की भी जानकारी दी गई थी.लोकसभा ने 2 अक्टूबर को एक वर्ष की अवधि के लिए कई संसदीय स्थायी समितियों का पुनर्गठन किया था. दो प्रवर समितियां गठित की थीं, जिनमें जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक और दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (संशोधन) विधेयक पर एक समिति शामिल थी.

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