
नई दिल्ली। आतंकवादी समूह सिख फॉर जस्टिस ने इस बार भी गणतंत्र दिवस समारोह को निशाना बनाने की धमकी दी है। जिसके बाद दिल्ली को और अधिक हाई अलर्ट कर दिया गया है। एसएफजे प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने सोमवार को इंटरनेट मीडिया के जरिये दी गई धमकी में राजपथ पर अपने ‘खालिस्तान निगरानी दस्ते’ को भेजने की बात कही है। साथ ही उसने लोगों से कहा है कि वे अपने घरों पर ही सुरक्षित रहें, बच्चों को गणतंत्र दिवस परेड में न भेजें।
उसने कहा है कि प्रधानमंत्री के हिंदुत्व शासन के खिलाफ तिरंगा फहराने से रोकने के लिए खालिस्तानी कार्रवाई करेंगे। तिरंगा फहराने से रोकने वाले को उसने 1.25 लाख अमेरिकी डॉलर देने की घोषणा की है।
बम निरोधक दस्ते की मदद से हो रही निगरानी
पन्नू की धमकी के बाद दिल्ली पुलिस का कहना है कि निष्पक्ष चुनाव और गणतंत्र दिवस समारोह सफलता पूर्वक संपन्न कराने के लिए सभी सावधानियां बरती जा रही है। विशेष आयुक्त कानून एवं व्यवस्था रवींद्र सिंह यादव का कहना है कि परेड के मार्ग की नियमित रूप से जांच की जा रही है। बम निरोधक दस्ते की मदद से अधिक आवाजाही वाले क्षेत्रों की निगरानी की जा रही थी।
शराब की जमाखोरी करने वालों की जांच की जा रही
संदिग्ध तत्वों के दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए सीमाओं को सील करने के संबंध में हाल ही में पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ अंतरराज्यीय समन्वय बैठक आयोजित की गई थी। हम आने वाले लोगों और वाहनों पर भी नजर रख रहे हैं। शराब की जमाखोरी करने वालों की जांच की जा रही है। किरायेदारों के सत्यापन की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। सिम कार्ड डीलरों और सेकेंड-हैंड कार डीलरों को सतर्क कर दिया गया है।
संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता रखने वाले पन्नू को गृह मंत्रालय द्वारा जुलाई 2020 में देशद्रोह और अलगाववाद के आरोप में आतंकवादी नामित किया गया था।
प्रयागराज में ‘महाकुंभ’ को निशाना बनाने की धमकी दी
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पन्नू पर आपराधिक साजिश रचने, धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। इससे पहले एसएफजे ने प्रयागराज में ‘महाकुंभ’ को निशाना बनाने की धमकी दी थी। पिछले हफ्ते यूएपीए ट्रिब्यूनल ने गृह मंत्रालय द्वारा एसएफजे पर पांच साल की अवधि के लिए प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना की पुष्टि की है।