पाकिस्तान का खिलाड़ी सड़क पर बेच रहा है जलेबी, PM ने भी तोड़ा वादा “ • ˌ

पाकिस्तान का खिलाड़ी सड़क पर बेच रहा है जलेबी, PM ने भी तोड़ा वादा

पाकिस्तानी खिलाड़ी की दुर्दशा (फोटो-ट्विटर)

पाकिस्तान एक ओर चैंपियंस ट्रॉफी के लिए स्टेडियमों पर करोड़ों रुपये खर्च करता नजर आया वोीं दूसरी ओर उनके ही मुल्क के खिलाड़ी सड़क पर जलेबी बेच रहे हैं. बात हो रही है पाकिस्तान के मोहम्मद रियाज़ की जो एक समय फुटबॉल के चमकते सितारे थे और उन्होंने 2018 एशियाई खेलों में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया था. लेकिन आज वो सड़क किनारे जलेबी बेचकर अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं. यह कहानी पाकिस्तान में खेलों को मिल रहे समर्थन की कमी को दर्शाती है, भले ही प्रधानमंत्री ने मदद का वादा किया हो.

रोज़ी-रोटी के लिए फुटबॉल छोड़ना पड़ा

रियाज़ को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री के वादे के बाद पाकिस्तान में खेलों की स्थिति सुधरेगी. लेकिन समय बीतता गया और कुछ नहीं बदला. उन्हें पैसे कमाने का कोई और रास्ता नहीं मिला, इसलिए उन्होंने फुटबॉल खेलने की बजाय जलेबी बनाने और बेचने का फैसला किया. रियाज़ ने कहा, ‘प्रधानमंत्री के एलान के बाद मुझे उम्मीद थी, लेकिन देरी असहनीय हो गई. आमदनी के बिना, मुझे अपने परिवार का पेट पालने के लिए ईमानदारी से काम करना पड़ा. इसलिए अब मैं सड़क किनारे जलेबी बनाता हूं, फुटबॉल की प्रैक्टिस नहीं करता.’

पाकिस्तान में खिलाड़ियों को नहीं मिलता समर्थन

29 वर्षीय रियाज़ हंगू के रहने वाले हैं और उन्होंने के-इलेक्ट्रिक जैसी बड़ी कॉर्पोरेट टीम के लिए भी खेला है. वो पिछली सरकार को दोष देते हैं, जिसने विभागीय खेलों पर प्रतिबंध लगा दिया था. उनका मानना है कि यह फैसला गलत था और इसने कई खिलाड़ियों को नुकसान पहुंचाया. रियाज़ का कहना है कि विभागों का समर्थन जरूरी है क्योंकि समाज में खेलों को प्राथमिकता नहीं दी जाती. वो सोचते हैं कि जब युवा उन्हें संघर्ष करते देखेंगे, तो उनमें फुटबॉल खेलने की इच्छा कैसे जागेगी.

यूरोप में खेलने की क्षमता थी रियाज़ में

रियाज़ जैसे खिलाड़ियों की दुर्दशा पर कई खेल अधिकारी नाराज हैं. तैमूर कयानी, जो एक समय खेल सहयोग मंत्री के सलाहकार थे, ने कहा कि रियाज़ जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी का जलेबी बेचते देखना दुखद है. उन्होंने कहा कि रियाज़ में यूरोप में सफल होने की क्षमता थी. कयानी ने प्रधानमंत्री से अपील की कि वो उन लोगों को हटाएं जिन्होंने खिलाड़ियों की मदद नहीं की और यह सुनिश्चित करें कि टॉप खिलाड़ी फिर से वोी कर सकें जो वे प्यार करते हैं.

खेलों के लिए बदलाव की जरूरत

रियाज़ की कहानी पाकिस्तान में खेलों की दुर्दशा को उजागर करती है. अगर खिलाड़ियों को समर्थन नहीं मिलेगा, तो देश की खेल प्रतिभा बर्बाद होती रहेगी. सरकार और समाज को मिलकर खेलों को बढ़ावा देने की जरूरत है, ताकि रियाज़ जैसे खिलाड़ी अपनी प्रतिभा को निखार सकें और देश का नाम रोशन कर सकें.