पाकिस्तान ने की हद पार! भारत से हारने के बाद अपनी ‘फर्जी जीत’ दिखाने के लिए चुराई चीन की फोटो! • ˌ

भारत से बार-बार हारने के बाद पाकिस्तान की हालत अब “खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे” जैसी हो गई है. भारतीय सेना द्वारा 13 सैन्य ठिकानों को तबाह करने के बावजूद, पाकिस्तान ने पहले अपने सेना प्रमुख असीम मुनीर को फील्ड मार्शल की रैंक दी और अब भारत पर हुए झूठे हमलों की कहानी गढ़ने के लिए चीन की रॉकेट फोर्स की पुरानी तस्वीर का इस्तेमाल किया है.

पाक पीएम ने चीन की तस्वीर को बताया अपनी जीत!

असीम मुनीर को फील्ड मार्शल की रैंक मिलने के उपलक्ष्य में आयोजित डिनर के दौरान, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने उन्हें एक तस्वीर भेंट की थी. यह तस्वीर इस दावे के साथ दी गई थी कि इसमें पाकिस्तानी सेना की आर्टिलरी द्वारा “ऑपरेशन सिंदूर” के खिलाफ भारत पर किए गए हमले को दिखाया गया है. तस्वीर में कई मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम एक साथ फायरिंग करते हुए दिख रहे थे, और रॉकेट दागने से आग का गुबार भी उठ रहा था.

सामने आई सच्चाई: तस्वीर निकली चीनी सेना की!

जब इस तस्वीर की पड़ताल की गई, तो पता चला कि यह पाकिस्तानी सेना की नहीं, बल्कि चीन की पीएलए-आर्मी (PLA-Army) की रॉकेट फोर्स की तस्वीर है. यह तस्वीर साल 2019 की है, जिसे चीनी सेना ने एक युद्धाभ्यास के दौरान खींचा था. इस तस्वीर को चीन की पीएलए-आर्मी की वेबसाइट पर भी देखा जा सकता है. जैसे ही यह खुलासा हुआ कि शहबाज शरीफ ने मुनीर को चीन की सेना की 2019 की पुरानी तस्वीर भेंट की है, पाकिस्तान में उनका ज़बरदस्त मज़ाक उड़ाया जाने लगा.

पाकिस्तान का ‘झूठ’ फैलाने का पुराना इतिहास

यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने किसी फर्जी खबर को अपनी जीत के तौर पर फैलाने की कोशिश की है. “ऑपरेशन सिंदूर” के ठीक बाद, पाकिस्तानी विदेश मंत्री इसहाक डार ने अपने देश की संसद में लंदन के “डेली टेलीग्राफ” की एक कतरन दिखाकर भारतीय वायुसेना का मज़ाक उड़ाने की कोशिश की थी. लेकिन, पाकिस्तान के ही एक अख़बार ने अपने देश के विदेश मंत्री (और उप-प्रधानमंत्री) के इस झूठ को बेनकाब कर दिया था. जिस अख़बार की कतरन को डार ने संसद में लहराया था, वह दरअसल फोटोशॉप से एडिट की गई हेडलाइन थी.

इसी तरह, पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक ग्लोबल न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान भारत के फाइटर जेट को लेकर किए गए अपने दावों के समर्थन में सोशल मीडिया का हवाला दे दिया था. ये सभी घटनाएँ दिखाती हैं कि भारत से हारने के बाद अपनी खीझ मिटाने के लिए पाकिस्तानी हुक्मरान किसी भी हद तक फर्जी और बेबुनियाद खबरों का सहारा लेने को तैयार हैं.