पहलगाम आतंकी हमला: NIA जल्द दाखिल करेगी चार्जशीट, लश्कर और दो स्थानीय मददगारों का होगा नाम

पहलगाम आतंकी हमला: NIA जल्द दाखिल करेगी चार्जशीट, लश्कर और दो स्थानीय मददगारों का होगा नाम

भारतीय सेना

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के मामले में जल्द ही आरोपपत्र दाखिल कर सकती है. इस आरोप पत्र में लश्कर-ए-तैयबा के साथ-साथ तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों की मदद करने वाले दो स्थानीय लोगों का नाम भी शामिल होगा.जम्मू की एक अदालत ने 18 सितंबर को संघीय एजेंसी को आतंकी हमले की जांच पूरी करने के लिए 45 दिनों का समय और दिया था. ये समय इस हफ्ते खत्म हो जाएगा.

क्या जांच पूरी करने के लिए और समय की मांग की जाएगी, इसको लेकर एनआईए की तरफ से किसी तरह की जानकारी नहीं दी गई. वहीं पहलगाम के दो स्थानीय लोग बशीर अहमद जोथर और परवेज़ अहमद जोथर की न्यायिक हिरासत को बढ़ाने की भी मांग करेगी. इन्हें जून में तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों सुलेमान शाह, हमज़ा अफ़ग़ानी उर्फ़ अफ़ग़ान और जिबरान को शरण देने और उनकी सहायता करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. एक एएनआई अधिकारी के मुताबिक, जल्द ही आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा. हम अभी और कुछ नहीं कह सकते.

जून में किया गया था गिरफ्तार

बशीर और परवेज़ जोथर को पहलगाम हमले के लगभग दो महीने बाद 22 जून को गिरफ्तार किया गया था. इस हमले में 25 पर्यटक और एक टट्टू संचालक की मौत हो गई थी. उन्होंने 21 अप्रैल को हुए हमले से पहले हिल पार्क स्थित एक मौसमी ढोक (झोपड़ी) में तीन सशस्त्र आतंकवादियों को पनाह दी थी. एनआईए ने सितंबर में जम्मू की एक अदालत से जांच पूरी करने के लिए निर्धारित 90 दिनों के समय से 45 दिन आगे का समय मांगा था. कोर्ट ने इसे 18 सितंबर को स्वीकार कर लिया था.

पहलगाम के बैसरन घास के मैदान में 22 अप्रैल को 25 पर्यटकों और एक टट्टू संचालक की गोली मारकर हत्या करने वाले तीन आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने 28 जुलाई को दाचीगाम वन क्षेत्र में मार गिराया था. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 29 जुलाई को संसद में पुष्टि की थी. उन्होंने कहा कि आतंकवादी पाकिस्तान से थे और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े थे.

एक दूसरे सरकारी अधिकारी ने बताया कि लश्कर-ए-तैयबा और उसके सहयोगी संगठन टीआरएफ का नाम आरोपपत्र में शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि एनआईए ने बशीर और परवेज़ जोथर के फोन नंबर से कुछ पाकिस्तान के लोगों को संपर्क नंबर बरामद किए हैं, जो पूरी साज़िश को उजागर करने के लिए बेहद अहम हैं. इसके अलावा, शाह, जिबरान और अफ़ग़ान से बरामदगी की जांच गांधी नगर स्थित राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की ओर से भी की गई है.

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