

प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में दूसरा सबसे कॉमन कैंसर है, जो दुनिया भर में लगभग 14.2% नए कैंसर मामलों के लिए जिम्मेदार है. यह कैंसर पुरुषों के जननांग में शुरु होता है, तो समय के साथ शरीर में दूसरे हिस्सों में भी फैलने लगता है. ऐसे में इससे जान का बच पाना बहुत मुश्किल हो जाता है. इसलिए पुरुषों के लिए यह बेहद जरूरी है कि वे प्रोस्टेट से जुड़ी सामान्य लक्षणों और संकेतों के बारे में जानें.
डॉ. राजेश अहलावत, ग्रुप चेयरमैन, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर प्रोस्टेट और यूरोलॉजिकल कैंसर, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, नोएडा के अनुसार, सभी लक्षण सीधे तौर पर प्रोस्टेट कैंसर से जुड़ी नहीं होते, लेकिन यदि इन लक्षणों को नजरअंदाज किया जाए तो इसका मतलब हो सकता है कि शुरुआती इलाज का मौका चूक जाए. प्रोस्टेट कैंसर के इलाज में सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वह कितनी जल्दी पहचान लिया जाए.
प्रोस्टेट कैंसर के कॉमन लक्षण-
बार-बार पेशाब आना
रात को बार-बार उठकर पेशाब करने (नोक्टूरिया) या दिन में बार-बार बाथरूम जाना, प्रोस्टेट में समस्या का संकेत हो सकता है. यह लक्षण प्रोस्टेट के बढ़ने या प्रभावित होने की वजह से हो सकते हैं.
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पेशाब करने में दिक्कत
पेशाब की धारा का कमजोर होना या रुक-रुक कर आना, प्रोस्टेट द्वारा मूत्रमार्ग पर दबाव डालने के कारण हो सकता है. यह लक्षण प्रोस्टेट कैंसर के कारण हो सकता है, और कभी-कभी कैथेटर की जरूरत भी पड़ सकती है.
पेशाब या वीर्य में खून
पेशाब में खून (हेमाट्यूरिया) या वीर्य में खून (हेमेटोस्पर्मिया) होना एक गंभीर लक्षण है, जिसे तुरंत डॉक्टर से चेक कराना चाहिए. यह प्रोस्टेट में गड़बड़ी का संकेत हो सकता है, जो कैंसर निकल सकता है.
दर्द या असुविधा
पेट या पीठ के निचले हिस्से में लगातार दर्द, पेशाब करते समय दर्द (डिस्यूरिया) या वीर्य के दौरान असुविधा प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याओं का संकेत हो सकते हैं.
लिंग के विकार
लिंग में इरेक्शन में समस्या होना कभी-कभी प्रोस्टेट कैंसर से जुड़ा हो सकता है. यह अन्य कारणों से भी हो सकता है, लेकिन यह लक्षण अगर अन्य समस्याओं के साथ हो तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
हड्डियों में दर्द
अगर पीठ, कूल्हों या पेल्विक एरिया में लगातार दर्द हो, तो यह संकेत हो सकता है कि कैंसर हड्डियों में फैल चुका है. यह अक्सर कैंसर के आखिरी चरण में होता है.
PSA स्तर का बढ़ना
प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन (PSA) एक प्रोटीन होता है जो खून में पाया जाता है. यदि PSA स्तर बढ़ा हुआ पाया जाए, तो यह प्रोस्टेट कैंसर का संकेत हो सकता है. इसके बाद डॉक्टर द्वारा और जांच जैसे कि एमआरआई या क्लिनिकल एग्जामिनेशन किया जाता है.
समय पर जांच जरूरी
इन लक्षणों का समय रहते पता चलने और इलाज करवाने से प्रोस्टेट कैंसर के मामलों में सफलता की दर बहुत बढ़ जाती है. अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें. प्रोस्टेट कैंसर का इलाज शुरू होने में जितनी जल्दी होती है, उतनी ही बेहतर सफलता की संभावना रहती है.