करवा चौथ पर महासंयोग, अखंड सौभाग्‍य का मिलेगा आशीर्वाद, नोट कर लें चंद्रोदय का समय


Karwa Chauth kab hai: हर साल कार्तिक माह के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ व्रत रखा जाता है. सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ व्रत बेहद अहम है क्‍योंकि यह व्रत पति की लंबी उम्र की कामना के लिए रखा जाता है. यह व्रत निर्जला रखा जाता है और रात को चंद्रमा के दर्शन के बाद ही व्रत खोला जाता है. अखंड सौभाग्‍य पाने के लिए सुहागिन महिलाएं यह निर्जला व्रत रखती हैं, सोलह श्रृंगार करती हैं. इस साल करवा चौथ कब है और पूजा मुहूर्त, चंद्रोदय समय क्‍या है, जानिए.

करवा चौथ तिथि 2025

पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर की रात 10 बजकर 54 मिनट से शुरू होकर 10 अक्टूबर की रात 11 बजकर 23 मिनट पर समाप्‍त होगी. चूंकि करवा चौथ में चांद के दर्शन करने और पूजा करने का महत्‍व है इसलिए 10 अक्‍टूबर को करवा चौथ व्रत रखा जाएगा.

करवा चौथ पर चंद्रोदय समय

इस साल करवा चौथ पर व्रती महिलाओं को व्रत खोलने के लिए ज्‍यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. 10 अक्‍टूबर को रात 7 बजकर 58 मिनट के बाद चंद्रोदय होगा. जिसके बाद महिलाएं चांद देखकर अर्घ्‍य देकर अपना व्रत खोल सकेंगी.

करवा चौथ 2025 पर शुभ योग

ज्‍योतिष के अनुसार करवा चौथ पर रोहिणी नक्षत्र, अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का बेहद शुभ संयोग बन रहा है. यह शुभ योग व्रत, पूजा-पाठ करने, शुभ कार्य करने के लिए अतिउत्‍तम माने गए हैं. इन शुभ योग में किए गए काम का कई गुना ज्‍यादा शुभ फल मिलता है. ऐसे शुभ योग में करवा चौथ व्रत रखने से पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ेगा, वैवाहिक जीवन में मधुरता आएगी.

सुबह सरगी खाकर होती है व्रत की शुरुआत

करवा चौथ के दिन सुहागिनें तड़के सुबह सास द्वारा दी गई सरगी खाकर व्रत प्रारंभ करती हैं. यह सरगी ससुराल की ओर से आशीर्वाद और प्रेम की निशानी होती है, जिसमें फल, मेवे, मिठाइयां, साड़ी आदि श‍ामिल होते हैं. सरगी खाने के बाद व्रती महिला पूरे दिन निर्जला रहती हैं और फिर रात को चांद नजर आने के बाद अर्घ्‍य देकर ही व्रत खोलती हैं.

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