28 जनवरी को भीड़ के चलते किया लोगों से महाकुंभ न आने का अनुरोध, 29 को भगदड़ में चली गई ज्योति की जान  “ • ˌ

28 जनवरी को भीड़ के चलते किया लोगों से महाकुंभ न आने का अनुरोध, 29 को भगदड़ में चली गई ज्योति की जान  “ • ˌ

Mahakumbh News 

Mahakumbh News: महाकुंभ में मौनी अमावस्या के मौके पर देश के अलग-अलग राज्यों से करोड़ों लोग संगम में डुबकी लगाने के लिए पहुंचे. मगर होनी को कुछ और मंजूर था. मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात 1 से 2 बजे के बीच संगम नोज के पास भगदड़ मची. सरकारी आंकड़े के अनुसार, इसके चलते 30 लोगों ने अपनी जान गंवा दी और 60 अन्य घायल हो गए. मृतकों में कर्नाटक के चार लोग शामिल हैं. इन्हीं चार मृतकों में 50 साल की ज्योति हटरावत और उनकी 24 साल की बेटी मेघा हटरावत का नाम है. मेघा ने 28 जनवरी को वीडियो बनाकर लोगों से लोगों से अनुरोध किया था कि महाकुंभ में अभी बहुत भीड़ है ऐसे में वे अभी यहां न आएं. अफसोस यही है कि लोगों के भलाई के बारे में सोचने वालीं मेघा की खुद इस भगदड़ में जान चली गई. 

वीडियो बनाकर मेघा ने कहा था, “हम कुंभ मेले में हैं. यहां भारी भीड़ है, इसलिए अगर संभव हो तो आने से बचें. हालांकि, अगर आप आते हैं, तो कृपया सावधान रहें और एक-दूसरे का हाथ पकड़कर रखें.” 

यह घटना संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम स्थल) पर भारी भीड़ इकट्ठा होने के वजह से घटी. पुलिस के अनुसार, घाटों पर लगाए गए बैरिकेड्स टूट गए, जिससे लोग अनजाने में जमीन पर सो रहे श्रद्धालुओं को रौंदने लगे. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगदड़ की न्यायालय-निरीक्षित जांच के आदेश दिए हैं और इस घटना में मारे गए लोगों के परिवारों के लिए 25 लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा की है. उन्होंने यह भी कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और लोगों से महाकुंभ को लेकर अफवाहें न फैलाने की अपील की. 

भगदड़ के बाद, कई नए दिशानिर्देश लागू किए गए हैं जिनमें महाकुंभ क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित करना, वीवीआईपी पास रद्द करना और मेले की ओर जाने वाली सड़कों को एकतरफा करना शामिल है, ताकि श्रद्धालुओं की आवाजाही सुचारू बनी रहे. 

12 साल बाद आयोजित हो रहा महाकुंभ 13 जनवरी को शुरू हुआ था और 26 फरवरी तक चलेगा. दुनिया के इस सबसे बड़े आध्यात्मिक आयोजन में 40 करोड़ तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है. 

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