

इस खबर को शेयर करें
जब भी पर्सनल हाइजीन की बात होती है, तो सबसे पहले नहाने का ख्याल आता है. लेकिन अमेरिका के प्रिवेंटिव मेडिसिन डॉक्टर जेम्स हैमब्लिन ने इस धारणा को चुनौती दी है. उन्होंने दावा किया है कि उन्होंने पिछले 5 सालों से नहाया ही नहीं, फिर भी उनके शरीर से कोई बदबू नहीं आई. इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि साबुन, शैंपू और स्किन प्रोडक्ट्स हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं.
क्या सच में नहाना जरूरी है?
डॉ. हैमब्लिन, जो पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट और लेखक भी हैं, उन्होंने यह समझने के लिए 5 साल तक शावर नहीं लिया कि क्या नहाने की आदत वास्तव में जरूरी है या यह सिर्फ एक व्यक्तिगत पसंद है. CNN के ‘Chasing Life’ पॉडकास्ट में डॉ. संजय गुप्ता से बातचीत में उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने शरीर को प्राकृतिक तरीके से बैलेंस होने दिया. शुरुआत में थोड़ी बदबू आई, लेकिन कुछ हफ्तों बाद बॉडी ने खुद को एडजस्ट कर लिया और बदबू आना बंद हो गई.
साबुन और शैंपू का सच!
डॉ. हैमब्लिन का कहना है कि हमारी त्वचा पर माइक्रोबायोम यानी नैचुरल बैक्टीरिया और ऑयल्स का संतुलन होता है. बार-बार साबुन और शैंपू का इस्तेमाल करने से यह बैलेंस बिगड़ जाता है, जिससे स्किन को बार-बार मॉइस्चराइजर और अन्य प्रोडक्ट्स की जरूरत पड़ती है. उन्होंने कहा कि हम बिना मतलब खुद को जरूरत से ज्यादा साफ करने की कोशिश करते हैं, जिससे त्वचा का नैचुरल सिस्टम खराब हो जाता है.
बदबू क्यों नहीं आई?
जब लोग सुनते हैं कि कोई 5 साल तक नहीं नहाया तो सबसे पहला सवाल यही आता है कि उसके शरीर से बदबू क्यों नहीं आई? डॉ. हैमब्लिन ने बताया कि शुरुआत में थोड़ी बदबू आई, लेकिन कुछ हफ्तों बाद शरीर ने खुद को बैलेंस कर लिया और बदबू आनी बंद हो गई. उनका कहना है कि हमारा शरीर धीरे-धीरे अपने नैचुरल सिस्टम से खुद को साफ करने में सक्षम हो जाता है.
सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रिया
डॉ. हैमब्लिन का यह दावा सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है. कुछ लोगों ने उनकी बात से सहमति जताई, तो कुछ ने इसे मजाकिया अंदाज में लिया. एक यूजर ने लिखा, “लगता है साबुन और बॉडी शॉवर बनाने वाली कंपनियों की बैंड बजने वाली है.” वहीं, एक अन्य यूजर ने कहा, “अगर मैं पांच दिन तक बिना नहाऊं, तो घरवाले मुझे ही बाहर निकाल देंगे.” अब सवाल यह उठता है कि क्या आप भी इस ट्रेंड को फॉलो करने के बारे में सोचेंगे?