
एग्जाम 14 सितंबर को हुआ था.
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नर्सिंग ऑफिसर भर्ती कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (NORCET-9) 2025 के पेपर लीक की अफवाह के बीच एम्स दिल्ली ने एक बयान जारी किया है. सोशल मीडिया पर बीते कुछ दिनों से पेपर लीक होने की बातें तेजी से फैल रही थीं. परीक्षा का आयोजन निर्धारित विभिन्न केंद्रों पर 14 सितंबर को किया गया था. आइए जानते हैं पेपर लीक के अफवाहों पर एम्स दिल्ली ने क्या सच्चाई बताई.
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली ने बयान जारी कर कहा कि सोशल मीडिया पर चल रही पेपर लीक की अफवाह फर्जी है. परीक्षा का पेपर लीक नहीं हुआ है. संस्थान ने साफ कर दिया है कि इन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है. AIIMS की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि परीक्षा के बाद कुछ उम्मीदवारों ने अपनी याददाश्त के आधार पर पूछे गए सवाल सोशल मीडिया पर साझा किए थे. इन्हीं सवालों को पेपर लीक बताकर अफवाह फैलाई गई. संस्थान ने दोहराया कि यह केवल मेमोरी-बेस्ड क्वेश्चन हैं और इसका मतलब यह नहीं है कि पेपर लीक हुआ है.
कैसे फैली पेपर लीक की अफवाह?
हर साल कई प्रतियोगी परीक्षाओं में देखा जाता है कि परीक्षा खत्म होने के बाद उम्मीदवार आपस में सवाल-जवाब साझा करते हैं. इस बार NORCET-9 परीक्षा के बाद भी ऐसा ही हुआ. उम्मीदवारों ने सोशल मीडिया पर मिलकर सवालों को शेयर किया. इन्हीं सवालों को देखकर कुछ लोगों ने इसे पेपर लीक का नाम दे दिया. AIIMS के मुताबिक उम्मीदवारों के साझा किए गए सवाल असली पेपर नहीं हैं, बल्कि उनकी याददाश्त पर आधारित हैं. एम्स ने अभ्यर्थियों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर फैल रही ऐसी भ्रामक खबरों पर ध्यान न दें. संस्थान ने कहा कि परीक्षा पूरी तरह से सुरक्षित माहौल में कराई गई थी और इसकी गोपनीयता बनी हुई है.
एग्जाम के तुरंत बाद फैला थी अफवाह
NORCET-9 परीक्षा के तुरंत बाद ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पेपर लीक का हैशटैग ट्रेंड करने लगा था. कई उम्मीदवारों ने कहा कि उन्होंने सवाल पहले ही देख लिए थे. हालांकि AIIMS ने साफ कर दिया कि यह गलतफहमी है और पेपर लीक नहीं हुआ है. AIIMS ने यह भी संकेत दिया है कि अगर भविष्य में कोई व्यक्ति या ग्रुप बिना सबूत के पेपर लीक की अफवाह फैलाएगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है.
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