
मेडिसिन का नोबेल प्राइज
नोबेल पुरस्कार की घोषणा सोमवार को की गई. मेडिसिन क्षेत्र में तीन चिकित्सकों को संयुक्त रूप से ये सम्मान मिला है. अमेरिका के मैरी ई ब्रूंको, सैन फ्रांसिस्को के फ्रेड रैम्सडेल और जापान के शिमोन साकागुची को ये पुरस्कार दिया गया है. इन तीनों ने Peripheral Immune Tolerance पर रिसर्च की थी. इस रिसर्च से इम्यून सिस्टम में गड़ब़ड़ी से होने वाली बीमारियों और उनकी पहचान व इलाज को बेहतर तरीके से करने में मदद मिलेगी.
इस बीच ये जानना भी जरूरी है कि Peripheral Immune Tolerance होता क्या है जिसपर नोबेल प्राइज दिया गया है. इसके लिए हमने एक्सपर्ट्स से बातचीत की है.
Peripheral Immune Tolerance क्या होता है
दिल्ली के आरएमएल हॉस्पिटल में मेडिसिन विभाग में डायरेक्ट प्रोफेसर डॉ सुभाष गिरि बताते हैं कि इम्यून सिस्टम शरीर का एक सैनिक है जो उसको बीमारियों और संक्रमण से बचाता है. इम्यून सिस्टम जितना अच्छा होगा बीमारियां के होने की आशंका उतनी ही कम होगी, लेकिन कुछ मामलों में शरीर गलती से अपनी ही सेल्स पर हमला करने लगता है. इससे कई तरह की बीमारियां हो जाती है उनको कम ऑटो इम्यून डिजीज कहते हैं. जैसे रूमेटाइड आर्थराइटिस और ल्यूपस बीमारी.
डॉ सुभाष के मुताबिक, Peripheral Immune Tolerance पर रिसर्च से यह पता चलेगा कि ऑटो इम्यून बीामरियों का इलाज कैसे किया जा सकता है और शरीर अपनी ही सेल्स पर हमला क्यों करने लगता है. चूंकि ऑटो इम्यून बीमारियों का कोई इलाज नहीं है तो ऐसे में यह रिसर्च काफी फायदेमंद हो सकती है. इससे भविष्य में ऑटोइम्यून बीमारियों का इलाज स्थायी रूप से इलाज करने में मदद मिल सकती है. इन वैज्ञानकिों की रिसर्च के आधार पर ही कई ऑटो इम्यून डिजीज के इलाज भी खोजे जा रहे हैं.
कैसे काम करता है Peripheral Immune Tolerance
जीटीबी अस्पताल में मेडिसिन विभाग में डॉ अजित कुमार बताते हैं किपेरिफेरल इम्यून टॉलरेंस हमारे शरीर की एक सुरक्षा प्रणाली है जो इम्यूनिटी को हमारे ही सेल्स पर हमला करने से रोकती है, लेकिन कुछ मामलों में ये सही से काम नहीं करती और इम्यूनिटी खुद की सेल्स पर ही हमला करने लगती है.
डॉ कुमार कहते हैं कि पेरिफेरल टॉलरेंस तीन तरीकों से काम करता है. इसमें एनर्जी, सप्रेशन और Apoptosis का काम होता है.अगर कोई T-cell शरीर की खुद की कोशिकाओं को पहचान लेता है लेकिन उसे सिग्नल नहीं मिलता, तो वह निष्क्रिय हो जाता है.अगर पेरिफेरल टॉलरेंस सही तरह से काम न करे तो शरीर अपने ही टिश्यू को बाहरी दुश्मन समझ लेता है और इससे बीमारियां होती है, जैसे अगर डायबिटीज में इम्यून सिस्टम पैनक्रियास की सेल्स को नष्ट कर देता है औररूमेटॉइड आर्थराइटिस में शरीर अपने ही जोड़ों पर हमला कर देता है.
इम्यूनिटी को मजबूत करने के आसान उपाय
संतुलित आहार लें और अपनी डाइट में प्रोटीन, हरी सब्ज़ियाँ और मौसमी फल शामिल करें
विटामिन-D और धूप: रोज़ाना थोड़ी धूप लें
रोज कम से कम आठ गिलास पानी पीना जरूरी है
7 से 8 घंटे की नींद लें