सेना“ पर टिप्पणी विवाद में राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट की सख़्त नसीहत, ‘कोई सच्चा भारतीय ऐसा नहीं कहेगा’

सेना“ पर टिप्पणी विवाद में राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट की सख़्त नसीहत, ‘कोई सच्चा भारतीय ऐसा नहीं कहेगा’

नई दिल्ली: भारतीय सेना पर कथित टिप्पणी से जुड़े मानहानि के एक मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से कुछ राहत मिली है, लेकिन कोर्ट ने उन्हें कड़ी नसीहत भी दी है। सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ की ट्रायल कोर्ट के समन पर रोक लगाते हुए राहुल गांधी से तीन हफ़्तों में जवाब मांगा है। यह मामला दिसंबर 2022 में उनकी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान दिए गए एक बयान से संबंधित है।


सुप्रीम कोर्ट का सवाल: ‘सच्चा भारतीय ऐसा नहीं कहेगा’

सुनवाई के दौरान जस्टिस दत्ता ने राहुल गांधी के बयान पर सख़्त टिप्पणी करते हुए कहा, “एक सच्चा भारतीय ऐसा नहीं कहेगा। जब सीमा पार कोई विवाद हो तो क्या आप यह सब कह सकते हैं?” कोर्ट ने उनके बयान की टाइमिंग और तरीक़े पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें ऐसी बातें सोशल मीडिया पर कहने की बजाय संसद में उठानी चाहिए थी। कोर्ट ने कहा, “आपके पास भले ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हो, लेकिन आप एक ज़िम्मेदार नेता हैं।”


राहुल गांधी का बयान क्या था?

यह मानहानि का मुक़दमा राहुल गांधी के उस बयान को लेकर दायर किया गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि चीनी सैनिक “अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सैनिकों की पिटाई कर रहे हैं।” यह टिप्पणी उन्होंने 2022 में राजस्थान में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की थी। उन्होंने कहा था कि मीडिया चीन द्वारा भारतीय ज़मीन पर क़ब्ज़ा करने या भारतीय सैनिकों की पिटाई के बारे में सवाल नहीं पूछता।

राहुल गांधी ने इस मामले में लखनऊ की निचली अदालत द्वारा जारी समन को चुनौती देने के लिए पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख़ किया था, लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी याचिका ख़ारिज कर दी थी।

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