EPS Pension Scheme : EPFO का नया स्पष्टीकरण, हर कर्मचारी को नहीं मिलेगा EPS पेंशन लाभ

EPS Pension Scheme : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने हाल ही में अपनी पॉपुलर पेंशन योजना EPS (Employees’ Pension Scheme) को लेकर एक बड़ा स्पष्टीकरण जारी किया है। कई सैलरीड लोग कन्फ्यूज रहते हैं कि हर EPF मेंबर EPS (Employees’ Pension Scheme) में कंट्रीब्यूट कर सकता है या नहीं। असल में, हर एम्प्लॉयी के लिए ये जरूरी नहीं है। ये सब डिपेंड करता है आपकी सैलरी पर और ये कि आपने EPF अकाउंट कब ओपन किया था।

अगर किसी की बेसिक सैलरी 15,000 रुपये से ज्यादा है, तो वो ऑटोमैटिकली EPS (Employees’ Pension Scheme) में जॉइन नहीं हो सकता। साथ ही, अगर आपने 1 सितंबर 2014 के बाद जॉब शुरू की और बेसिक सैलरी 15,000 से ऊपर है, तो EPS (Employees’ Pension Scheme) का मेंबर बनना नामुमकिन है। EPFO ने ये रूल इसलिए लगाया है ताकि पेंशन स्कीम का लोड कंट्रोल में रहे और ये सिर्फ लोअर इनकम वाले एम्प्लॉयी तक लिमिटेड रहे।

EPS स्कीम में एंट्री की शर्तें क्या हैं?

EPS (Employees’ Pension Scheme) में कंट्रीब्यूट करने के लिए एम्प्लॉयी को कुछ बेसिक कंडीशंस फॉलो करनी पड़ती हैं। सबसे पहले, आपका EPF अकाउंट होना चाहिए और सैलरी 15,000 रुपये या उससे कम होनी चाहिए। अगर आपने 1 सितंबर 2014 से पहले जॉब जॉइन की थी, तो आप EPS (Employees’ Pension Scheme) के अंदर आ जाते हैं।

ऊपर से, एम्प्लॉयर आपकी EPF कंट्रीब्यूशन का 8.33% हिस्सा EPS (Employees’ Pension Scheme) में ट्रांसफर करता है। मिसाल के तौर पर, अगर सैलरी 12,000 रुपये है, तो करीब 999 रुपये EPS (Employees’ Pension Scheme) में ऐड होते हैं। हाई सैलरी वाले एम्प्लॉयी इस स्कीम से बाहर रहते हैं, ताकि EPS (Employees’ Pension Scheme) की फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बनी रहे और फ्यूचर में सभी एलिजिबल एम्प्लॉयी को पेंशन मिल सके।

कौन से एम्प्लॉयी EPS का फायदा नहीं ले पाते?

कई लोग सोचते हैं कि EPFO में पैसे जमा करने वाला हर शख्स पेंशन के हकदार है, लेकिन ये बात पूरी तरह कुरेक्ट नहीं। जिनकी बेसिक सैलरी 15,000 रुपये से ज्यादा है और जिन्होंने 1 सितंबर 2014 के बाद नई जॉब शुरू की, वो EPS (Employees’ Pension Scheme) के एलिजिबल नहीं माने जाते। मतलब, उनका पूरा कंट्रीब्यूशन सिर्फ EPF अकाउंट में ही जाता है।

रिटायरमेंट पर उन्हें लंपसम अमाउंट तो मिलेगा, लेकिन मंथली पेंशन नहीं। EPFO ने ये स्टेप इसलिए लिया है ताकि पेंशन फंड पर ज्यादा प्रेशर न आए और फायदा सिर्फ उन लोअर इनकम ग्रुप को मिले जो सच में इसे डिजर्व करते हैं।

EPS और EPF में असली डिफरेंस क्या है?

लोग अक्सर EPS (Employees’ Pension Scheme) और EPF (Employees’ Provident Fund) को मिक्सअप कर लेते हैं। EPF (Employees’ Provident Fund) एक सेविंग्स स्कीम है जहां एम्प्लॉयी और एम्प्लॉयर दोनों कंट्रीब्यूट करते हैं। वहीं, EPS (Employees’ Pension Scheme) पेंशन के लिए स्पेशल डिजाइन की गई है।

EPF (Employees’ Provident Fund) में अमाउंट पर इंटरेस्ट मिलता है और रिटायरमेंट टाइम लंपसम पेमेंट होता है। लेकिन EPS (Employees’ Pension Scheme) से रिटायरमेंट के बाद हर महीने पेंशन आती है। दोनों स्कीम्स साथ-साथ चलती हैं, पर EPS (Employees’ Pension Scheme) का बेनिफिट सिर्फ उन एम्प्लॉयी को मिलता है जो इसके रूल्स मैच करते हैं। यानी, EPS (Employees’ Pension Scheme) में इनक्लूजन पूरी तरह सैलरी और जॉइनिंग डेट पर डिपेंड करता है।

EPS के लेटेस्ट अपडेट्स और प्रैक्टिकल टिप्स

EPFO हमेशा EPS (Employees’ Pension Scheme) को बेहतर बनाने में लगा रहता है, ताकि पेंशनर्स को ज्यादा ईज और ट्रांसपेरेंसी मिले। रीसेंटली, सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के बाद EPFO ने पेंशन कंट्रीब्यूशन रूल्स को अपडेट किया है। अगर आप EPS (Employees’ Pension Scheme) के एलिजिबल नहीं हैं, तो अपनी EPF सेविंग्स को बूस्ट करने पर फोकस करें।

आप वॉलंटरी VPF (Voluntary Provident Fund) में एक्स्ट्रा कंट्रीब्यूट करके रिटायरमेंट पर बड़ा अमाउंट रेडी कर सकते हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि हर एम्प्लॉयी को अपनी EPF पासबुक चेक करते रहना चाहिए और कन्फर्म करना चाहिए कि कंट्रीब्यूशन राइटली जमा हो रहा है। इससे आपका फ्यूचर सिक्योर हो जाएगा।

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