NEET UG: नीट यूृजी पर बड़ा अपडेट… CBT मोड में हो सकती है परीक्षा, ऑनलाइन एग्जाम कराने की संभावना तलाश रही है सरकार

NEET UG: नीट यूृजी पर बड़ा अपडेट... CBT मोड में हो सकती है परीक्षा, ऑनलाइन एग्जाम कराने की संभावना तलाश रही है सरकार

NEET UG परीक्षा पैटर्न में बदलाव पर चल रहा है मंथनImage Credit source: Getty image

NEET UG: MBBS, BDS समेत अन्य मेडिकल ग्रेजुएट कोर्सों में दाखिला के लिए आयोजित होने वाली सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी (NEET-UG) में कुछ बदलाव हाे सकते हैं. NEET UG का आयोजन अब कंप्यूटर-बेस्ड टेस्ट (CBT) मोड में हो सकता है. वहीं केंद्र सरकार NEET UG का आयोजन ऑनलाइन कराने पर पर विचार कर रही है. अभी यह परीक्षा ऑफलाइन यानी पेन-पेपर मोड में होती है. माना जा रहा है किअगर नीट-यूजी ऑनलाइन हो जाती है तो परीक्षा देने का तरीका पूरी तरह बदल जाएगा. यह कदम मेडिकल करियर की तैयारी कर रहे लाखों छात्रों के लिए बड़ा बदलाव साबित हो सकता है.

आइए जानते हैं कि नीट यूजी काे लेकर सरकार का प्लान क्या है? केंद्र सरकार इस दिशा में क्या काम कर रही है? साथ ही समझेंगे कि इन बदलावों की वजह क्या है.

अंतिम फैसला नहीं हुआ

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल शिक्षा मंत्रालय डेटा एनालिसिस कर रहा है ताकि यह समझा जा सके कि ऑनलाइन मोड में परीक्षा कराने से छात्रों को फायदा होगा या नुकसान. अभी तक इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है. शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, सबसे बड़ी चिंता यह है कि सीबीटी मोड सभी छात्रों के लिए समान रूप से सुविधाजनक होगा या नहीं. देश के कई हिस्सों में कंप्यूटर लैब और इंटरनेट की सुविधा सीमित है. ऐसे में डर है कि ग्रामीण और पिछड़े इलाकों के छात्र कहीं नुकसान में न चले जाएं.

हर साल लाखों स्टूडेंट्स होते हैं शामिल

नीट यूजी में प्रत्येक साल लाखों स्टूडेंट्स शामिल होते हैं. तो वहीं नीट यूजी से ही हर साल लाखों छात्रों को मेडिकल से जुड़े कोर्सों में दाखिला मिलता है. इनमें एमबीबीएस, बीडीएस, बीएएमएस, बीयूएमएस, बीएसएमएस, बीएचएमएस, बीवीएससी एंड एएच और बीएससी नर्सिंग शामिल हैं. 2025 में इस परीक्षा में 22 लाख से ज्यादा छात्रों ने हिस्सा लिया था.

फिलहाल कितनी है सीटों की संख्या

अगर एमबीबीएस सीटों की बात करें तो कुल 1,20,000 से अधिक सीटें उपलब्ध हैं. इनमें से लगभग 56,000 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में और 52,000 निजी कॉलेजों में हैं. नीट परीक्षा का आयोजन हर साल राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) करती है.

क्यों हो रहा है बदलाव पर विचार?

दरअसल, दुनिया के कई देशों में मेडिकल और अन्य पेशेवर कोर्स की परीक्षाएं कंप्यूटर-बेस्ड मोड में होती हैं. भारत में भी जेईई मेन जैसी बड़ी परीक्षा ऑनलाइन होती है.

शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अगर तकनीकी और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी दिक्कतें दूर हो जाएं तो यह बदलाव छात्रों के लिए फायदेमंद हो सकता है. डेटा एनालिसिस पूरा होने के बाद इस मुद्दे पर स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर आगे की रणनीति तय की जाएगी.

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