‘मुसलमानों नया साल मत मनाना, नहीं तो’, मौलाना ने जारी किया फतवा, किन-किन चीजों को बताया शरियत के खिलाफ “ • ˌ

'मुसलमानों नया साल मत मनाना, नहीं तो...', मौलाना ने जारी किया फतवा, किन-किन चीजों को बताया शरियत के खिलाफ

AI जेनरेटेड फोटो.

कल यानि 31 दिसंबर को साल 2024 का आखिरी दिन है. लोग नए साल के जश्न के लिए तैयार हैं. पूरी दुनिया में नए साल का स्वागत धूमधाम से किया जाता है. लेकिन इस बीच एक मौलाना ने मुसलमानों को लिए फतवा जारी कर दिया है. उन्होंने कहा कि ये नया साल हमारा नहीं, बल्कि, ईसाइयों का है. इसलिए नए साल का जश्न मुसलमानों को नहीं मनाना चाहिए. यह फतवा किसी और ने नहीं, बल्कि मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने जारी किया है.

मौलाना शहाबुद्दीन ने फतवा जारी करते हुए कहा- नए साल का जश्न मनाना, मुबारकबाद देना और प्रोग्राम आयोजित करना इस्लामी शरियत की रोशनी में नाजायज है. फतवे में कहा गया है कि नया साल जनवरी से शुरू होता है जो अंग्रेज, ईसाईयों का नया साल है. ईसाईयों का मजहबी और धार्मिक कार्यक्रम है कि वो हर साल के पहले दिन ज़श्न मनाते हैं. इसमें विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन करते हैं. ये ईसाईयों का खालीस ‘मजहबी शिआर’ (धार्मिक कार्यक्रम) है. इसलिए मुसलमानों को नए साल का जश्न मनाना जायज नहीं है. इस्लाम इस तरह के कार्यक्रमों को सख्ती के साथ रोकता है.

‘ये सब करना भी है गुनाह’

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शाहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने फतवे में आगे कहा- नए साल का जश्न मनाना, एक दूसरे को मुबारकबाद देना, पटाखे दागना, तालियां बजाना, शोर मचाना, सीटियां बजाना, लाइट बंद करके हुड़दंग करना फिर लाइट को दोबारा जलाना, नाच-गाना करना, शराब पीना, जुआ खेलना, अपने मोबाइल वाट्सअप से एक -दूसरे को मैसेज भेजकर मुबारकबाद देना, ये सारे काम इस्लामी शरियत की रोशनी में नाजायज हैं.

‘शरियत के खिलाफ कोई काम न करें’

फतवे में मुसलमानों से कहा गया है कि गैरों के धार्मिक त्योहारो में शामिल होने या उसका एहतमाम देखने से बचें. दूसरे मुसलमानों को भी ऐसा करने से रोंके. अगर कोई व्यक्ति इस तरह का गैर शरई काम अंजाम देता है तो वो सख्त गुनहगार होगा. मुसलमानों को चाहिए कि शरियत के खिलाफ कोई भी कार्य न करें.