
ईडी की छापेमारी में 3 करोड़ रुपये बरामद
प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की पश्चिम बंगाल टीम ने 2829 अक्टूबर को कोलकाता और आसपास के 7 ठिकानों पर छापेमारी की. ये छापे नगरपालिका भर्ती घोटाले से जुड़े मुख्य आरोपियों और उनके करीबी लोगों के घरों व दफ्तरों पर मारे गए. जिन जगहों पर छापे पड़े उनमें Radiant Enterprise Pvt Ltd, Garodia Securities Ltd, Jeet Construction and Consultants जैसी कंपनी के दफ्तर और इनके डायरेक्टर्स-प्रमोटर्स के घर शामिल हैं. छापेमारी में करीब 3 करोड़ रुपये नकद, कई दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस बरामद हुए हैं.
ED की जांच में पता चला कि घोटाले के पैसों को फर्जी सेवाओं के नाम पर अलग-अलग कंपनियों के जरिए सफेद किया जा रहा था. ED ने इससे पहले 10 अक्टूबर 2025 को भी 13 ठिकानों पर छापा मारा था, जिसमें मंत्री और विधायक सुजीत बोस के दफ्तर में भी छापेमारी हुई थी और वहां से 45 लाख रुपये नकद मिले थे. सूत्रों से पता चला है कि ED की अभी तक की जांच में कई ओर लोगों के नाम सामने आए हैं. ED जल्द ही जांच के बाद इन लोगों को यहां भी छापेमारी कर सकती है.
CBI की एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी जांच
बताया जा रहा है कि यह जांच CBI की एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी, जो कोलकाता हाईकोर्ट के निर्देश पर दर्ज हुई थी. ED ने इस मामले में हाईकोर्ट में अपनी रिपोर्ट भी जमा की थी, जिसमें नगरपालिका भर्ती में की गई गड़बड़ियों का खुलासा किया गया है. इससे पहले प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के दौरान भी ED ने 2023 में आयन सिल के ठिकानों पर छापा मारा था. वहां से भी कई अहम दस्तावेज मिले थे, जिनसे पता चला कि घोटाला सिर्फ शिक्षकों की भर्ती तक सीमित नहीं था, बल्कि अलग-अलग नगरपालिकाओं में मजदूर, सफाईकर्मी, क्लर्क, ड्राइवर, हेल्पर, पंप ऑपरेटर, एंबुलेंस अटेंडेंट जैसी कई पोस्ट्स की भर्ती में भी धांधली हुई थी.
फर्जी तरीके से अयोग्य लोगों को दिलाई नौकरी
जांच में यह भी सामने आया कि कई नगरपालिकाओं में पेपर छपवाने, ओएमआर शीट बनाने और मेरिट लिस्ट तैयार करने का काम एक ही कंपनी ABS Infozon Pvt Ltd को दिया गया था, जिसका डायरेक्टर आयन सिल है. आरोप है कि आयन सिल और कुछ नेता-अफसरों ने मिलकर ओएमआर शीट्स से छेड़छाड़ कर फर्जी तरीके से अयोग्य लोगों को नौकरी दिलाई और इसके बदले पैसे लिए. वहीं ED इस मामले में आयन सिल के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है. इससे पहले ED ने कई नगर पालिका अधिकारियों, मंत्री सुजीत बोस और मंत्री रथिन घोष के ठिकानों पर भी छापे मारे थे.




