
RIL का बड़ा प्लान!
मुकेश अंबानी की अगुवाई में रिलायंस इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में एक बड़ी चाल खेलने की तैयारी में है, वो भी बिल्कुल उसी तरह जैसे उन्होंने बेवरेज मार्केट में कैंपा कोला के जरिए हमला किया था. अब वही फॉर्मूला इलेक्ट्रॉनिक्स (टीवी, रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन, छोटे घरेलू उपकरण) में आजमाया जा रहा है.
नए ब्रांड और रणनीति
ईटी की एक रिपोर्ट में बताया गया कि रिलायंस ने अपनी खुद की इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड तैयार की है, जिसमें प्रमुख नाम हैं Kelvinator और BPL. पहले इन्हें लाइसेंस के तहत इस्तेमाल किया जा रहा था. उदाहरण के लिए, Kelvinator ब्रांड के लिए रिलायंस ने पहले लाइसेंस लिया था और पिछली तिमाही में करीब ₹160 करोड़ में इसे अधिग्रहीत कर लिया. इसी तरह BPL ब्रांड के लिए भी उन्होंने लाइसेंस लिया था. इन ब्रांडों के तहत अब पुराने-साल के छोटे उपकरणों से लेकर प्रीमियम श्रेणियों तक उत्पाद लाइन बढ़ाई जा रही है.
आक्रमक मूल्य निर्धारण और व्यापार मार्जिन
रिलायंस की रणनीति तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित है, जो इस प्रकार हैं:
- कम कीमत: रिलायंस का उद्देश्य है कि Kelvinator या BPL जैसे ब्रांड वाले उत्पादों की कीमतें कॉम्पिटिटिव ब्रांड्स जैसे LG या Samsung की तुलना में 20-25% कम हों.
- हाई मार्जिन: उद्योग विशेषज्ञों के मुताबिक, इन नए उत्पादों का मार्जिन स्थापित ब्रांड्स की तुलना में करीब 8-15% अधिक होगा.
- विस्तृत डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क: केवल अपने स्टोर तक सीमित नहीं रहकर, रिलायंस मल्टी-ब्रांड इलेक्ट्रॉनिक्स स्टोर्स, क्षेत्रीय रिटेल चेन तथा ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर भी इन ब्रांड्स को पेश करेगी.
घरेलू से ग्लोबल तक विस्तार
रिलायंस ने दक्षिण एशियाई देशों जैसे नेपाल और भूटान को Kelvinator और BPL-ब्रांडेड उत्पादों का निर्यात शुरू कर दिया है. इसके बाद श्रीलंका, मध्य पूर्व और आगे चलकर अफ्रीका को टारगेट किया गया है. कंपनी का मानना है कि तकनीक तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने के उनके प्रयास में यह एक अहम कदम है.
प्रोडक्ट कैटेगरी का विस्तार
Kelvinator ब्रांड के तहत रिलायंस ने घरेलू उपकरणों की पूरी श्रृंखला शुरू की है. साइड-बाय-साइड प्रीमियम रेफ्रिजरेटर, फ्रंट-लोड वाशिंग मशीन, डायरेक्ट कूल रेफ्रिजरेटर, एयर कूलर आदि, वहीं BPL ब्रांड को मध्यम व प्रीमियम श्रेणियों में टीवी से शुरू करके अब एसी, रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन और छोटे उपकरणों जैसे पंखे-कूलर तक विस्तारित किया जा रहा है. यानी हर प्राइस प्वाइंट और श्रेणी में उपस्थिति सुनिश्चित की जा रही है.
क्यों यह रणनीति काम कर सकती है?
यह रणनीति इसलिए दिलचस्प है क्योंकि बाजार में बड़े ब्रांड्स का प्रभुत्व है, पर उनके उत्पादों की कीमतें ऊंची हैं. रिलायंस के पास एक शक्तिशाली डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क और खुदरा प्लेटफार्म (रिलायंस रिटेल) है, जिससे ब्रांड-प्रस्तुति और बिक्री को तेजी से बढ़ाया जा सकता है. ग्लोबल मार्केट में प्रवेश करके कंपनी नए बाजारों को जल्दी कवर कर सकती है, जहां प्रतिस्पर्धा कम हो सकती है.




