
लोढ़ा अल्टामाउंट
मुंबई का अल्टामाउंट रोड देश के सबसे महंगे और आलीशान इलाकों में से एक है. यहां पर भारत के सबसे अमीर लोगों के भव्य घर बने हुए हैं. इस इलाके में मुकेश अंबानी की दुनिया की सबसे महंगी प्राइवेट रेजिडेंस में से एक एंटीलिया, सबसे ज्यादा चर्चा में रहती है. यह 27 मंजिला आलीशान इमारत 4,532 वर्ग मीटर में फैली हुई है और लग्जरी का एक बड़ा उदाहरण मानी जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एंटीलिया के ठीक सामने एक और बिल्डिंग है जो उससे भी ज्यादा शानदार और ऊंची है? और इसका मालिक कोई आम इंसान नहीं बल्कि एक अरबपति व्यवसायी और राजनेता है.
लोढ़ा अल्टामाउंट: एंटीलिया का कड़ा मुकाबला
एंटीलिया के सामने जो 43 मंजिला गगनचुंबी इमारत खड़ी है, उसका नाम है लोढ़ा अल्टामाउंट. यह इमारत मुंबई के गोवालिया टैंक के पास फोर्जेट हिल रोड पर स्थित है. इस टावर का निर्माण प्रसिद्ध प्रॉपर्टी डेवलपर और राजनेता मंगल प्रभात लोढ़ा ने किया है. लोढ़ा समूह, जिसे अब मैक्रोटेक डेवलपर्स भी कहा जाता है, ने इस टावर को अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ डिजाइन किया है. लोढ़ा अल्टामाउंट में कुल 52 लग्जरी अपार्टमेंट्स हैं, जो 43 मंजिलों में बंटे हुए हैं.
मंगल प्रभात लोढ़ा: अरबपति व्यवसायी और राजनेता
मंगल प्रभात लोढ़ा ने 1980 में मुंबई में अपना रियल एस्टेट बिजनेस शुरू किया था, जो आज भारत के सबसे बड़े और सफल डेवलपमेंट ग्रुप्स में से एक है. वह न केवल एक सफल व्यवसायी हैं, बल्कि एक सक्रिय राजनेता भी हैं. फोर्ब्स के अनुसार, 5 जनवरी, 2025 तक उनकी संपत्ति 12 अरब डॉलर से ज्यादा की है, जो उन्हें भारत के सबसे अमीर लोगों की सूची में शामिल करता है.
लोढ़ा अल्टामाउंट एंटीलिया से बेहतर?
लोढ़ा अल्टामाउंट की खूबसूरती और भव्यता इसे एंटीलिया से अलग और बेहतर बनाती है. यह इमारत पूरी तरह काले कांच से बनी है, जो इसे आज का मॉडर्न लुक देता है. इसमें फाइव स्टार फेसिलिटीज हैं जैसे कि स्विमिंग पूल, जिम, स्पा, और फास्ट लिफ्ट्स. हर अपार्टमेंट से अरब सागर और मुंबई के चमकते हुए शहर का दृश्य देखने को मिलता है. इस बिल्डिंग में एंटीलिया की तुलना में प्राइवेसी का ज्यादा ध्यान दिया गया है.
आखिर क्यों है अल्टामाउंट रोड खास?
अल्टामाउंट रोड मुंबई का वह इलाका है जहां भारत के सबसे अमीर और प्रसिद्ध लोग रहते हैं. यहां की जमीन की कीमतें देश में सबसे ज्यादा हैं. इसलिए इस इलाके में बने घर और इमारतें केवल आवास नहीं, बल्कि संपत्ति और प्रतिष्ठा का प्रतीक होती हैं.