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मलयालम लेखक एमटी वासुदेवन नायर का 91 साल की उम्र में निधन हो गया. 15 दिसंबर को उन्हें सांस लेने में दिक्कत के बाद कोझिकोड के बेबी मेमोरियल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने आखिरी सांस ली. उनका निधन साहित्य जगत में शोक में डूब गया है. ‘नालुकेट’, ‘रंदामूज़म’, ‘वाराणसी’ और ‘स्पिरिट ऑफ डार्कनेस’ जैसी रचनाओं ने उन्हें साहित्यिक दुनिया में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है.
एमटी वासुदेवन नायर ने मलयालम सिनेमा में भी अपना योगदान दिया. उन्होंने कई चर्चित फिल्मों के लिए पटकथाएं लिखी, जिनमें ‘निर्माल्यम’, ‘पेरुंटाचन’, ‘रंदामूज़म’ और ‘आमृतम गमया’ शामिल हैं. इसके अलावा, उन्हें देशभर से कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें 1996 में ज्ञानपीठ और 2005 में पद्म भूषण जैसे सम्मान शामिल हैं.
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