MP-छत्तीसगढ़ में रेल नेटवर्क और मजबूत, अनूपपुर-कटनी तीसरी रेल लाइन का काम पूरा, ये होगा फायदा ˌ

MP-छत्तीसगढ़ में रेल नेटवर्क और मजबूत, अनूपपुर-कटनी तीसरी रेल लाइन का काम पूरा, ये होगा फायदा

अनूपपुर-कटनी तीसरे रेल लाइन प्रोजेक्ट का काम पूरा हो चुका है.

भारतीय रेलवे ट्रेनों के परिचालन को लेकर एक साथ कई प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. जबकि उसके कई प्रोजेक्ट लॉन्च होने को है तो कई प्रोजेक्ट अब पूरे हो रहे हैं. देश के रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बेहद अहम माने जा रहे मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच पड़ने वाले अनूपपुर-कटनी तीसरे रेल लाइन प्रोजेक्ट का काम पूरा हो चुका है. यह रेल लाइन 165.5 किलोमीटर लंबी है और अब इसके जल्द शुरू होने की उम्मीद है.

अनूपपुर-कटनी तीसरी रेल लाइन के शुरू होने से रेल का सफर और आरामदायक तथा आसान हो जाएगा. माना जा रहा है कि इस परियोजना का काम पूरा होने से क्षेत्र में कनेक्टिविटी और परिचालन क्षमता में काफी इजाफा होने की उम्मीद है. पिछले साल सितंबर के पहले हफ्ते में इस प्रोजेक्ट पर 101 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का काम पूरा हुआ था. अगले 10 महीने में शेष रेल लाइन का काम पूरा किया गया. इस तीसरी लाइन के लिए करीब 1680 करोड़ रुपये का बजट रखा गया था.

छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश में बढ़ेगा रेल यातायात

भारतीय रेलवे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर प्रोजेक्ट से जुड़ी कुछ तस्वीरों के साथ जानकारी दी कि 165.52 किलोमीटर लंबे अनूपपुर-कटनी तीसरे रेल लाइन प्रोजेक्ट का काम पूरा हो गया है. इसके बन जाने से रेल लाइन कैपेसिटी में सुधार होगा, साथ ही कोयला समेत कई खनिजों के ट्रांसपोर्टेशन में आसानी हो जाएगी.

यही नहीं समृद्ध वन्य जीवन और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध बांधवगढ़ नेशनल पार्क जाने वालों को भी काफी सहुलियत होगी. इससे नेशनल पार्क जाने वालों की संख्या में काफी बदलाव आ सकता है. साथ ही छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के बीच यात्रा और व्यापार को बढ़ाया जा सकेगा.

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की ओर से छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के बीच तैयार की गई यह अनूपपुर-कटनी तीसरी रेल लाइन अनूपपुर-कटनी रेल डिवीजन छत्तीसगढ़ के प्रमुख शहरों रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, रायगढ़ से होकर कटनी के रास्ते उत्तर भारत तक जाने वाली मुय रेल लाइन का हिस्सा है.

व्यापार-यात्रा के लिए अहम होगी रेल लाइन

इस तीसरी रेल लाइन के बनने से छत्तीसगढ़ से कोयला ट्रांसपोर्टेशन में काफी सुधार आएगा. इस वजह से कोयले की आवाजाही सुव्यवस्थित हो जाएगी. साथ ही कोयला रसद की दक्षता को बढ़ावा मिलने और अलग-अलग उद्योगों की बढ़ती मांग को पूरा करने में सक्षम होगा.

कोयला समेत कई तरह के खनिजों के ट्रांसपोर्टेशन में सुधार के साथ ही छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के बीच रेल यातायात में काफी सुधार भी आएगा. यह रेल लाइन सुधार क्षेत्रीय व्यापार और यात्रा के लिए काफी अहम है, क्योंकि इससे भीड़भाड़ कम होगी और यात्रा का समय कम होगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *