
उत्तर प्रदेश के शाहपुर में मां-बेटे ने मिलकर आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) को दो करोड़ का चूना लगाया है. शाहपुर के मेडिकल कॉलेज रोड पर मौजूद ICICI बैंक के ब्रांच से मां और बेटे ने फर्जी दस्तावेज जमा कराए, 2 करोड़ का लोन लिया और उसे चुकाए बगैर फरार हो गए. बैंक को जब इस बात की जानकारी हुई तो अधिकारियों ने पुलिस को खबर किया. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है.
कैसे उजागर हुआ केस?
बैंक की ईएमआई जमा नहीं करने पर अधिकारियों ने जब छानबीन की तो पता चला कि मां और बेटे, दोनों ने फर्जीवाड़ा किया है. इस मामले में पुलिस ने मां अर्चना पांडेय और बेटे रुद्राक्ष पांडेय के खिलाफ जालसाजी समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया है.
मां-बेटे ने नकली कागजात बनवाकर गोरखपुर के शाहपुर इलाके में मौजूद आईसीआईसीआई बैंक से 2 करोड़ का लोन लिया था. जब 2 महीने तक बैंक को ईएमआई नहीं मिली तो बैंक ने मां-बेटे से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला. बैंक ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से आरोपी मां और बेटे की ओर से दी गई इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) का वेरिफिकेशन कराया तो फाइलिंग की तारीख गलत मिली. वहीं, फर्म का बैंक खाता भी बंद मिला.
बैंक की ओर से मां-बेटे को जिस फर्म पर लोन दिया गया है, उसका पता भी गलत है. सबसे बड़ी बात ये है कि बैंक छोटे से छोटे लोन के लिए पूरी जानकारी लेता है तो फिर इसमें ऐसी चूक कैसे हो गई. यही वजह है कि फर्म की रिपोर्ट लगाने वाले बैंक कर्मचारियों की अंदरूनी जांच भी की जा रही है.
बैंक मैनेजर आशुतोष कुमार ने बताया कि मई 2022 में अर्चना पांडेय और रुद्राक्ष पांडेय ने संयुक्त रूप से लोन लेने के लिए महाकाल इंटरप्राइजेज फर्म के कागजात लगाए थे. उनका कहना था कि लोन लेकर एक फैक्ट्री लगाएंगे जिसमें बहुत सारे लोगों को रोजगार मिलेगा. बैंक ने फॉर्मेलिटी पूरी कर फर्म के खाते में दो करोड़ रुपए जारी कर दिए.
किश्त देने का समय आया तो फर्म ने जमा नहीं किया. ऐसा कई बार होने पर बैंक ने अपनी तरफ से फर्म के पते पर कर्मचारियों को भेजा तो वहां कोई नहीं मिला. इसके बाद इनकम टैक्स रिटर्न की फाइलिंग की डेट भी गलत निकली. फर्म का खाता बंद होने और उसमें रुपए नहीं होने पर परेशान बैंक मैनेजमेंट ने एसएसपी को प्रार्थना पत्र देकर गुहार लगाई. पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और तलाश में जुट गई है.