
किसानों ने की सबसे ज्यादा आत्महत्याएं
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने किसानों की आत्महत्या को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में कृषि से जुड़े 10 हजार से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या की, जिसमें किसान और कृषि मजदूर दोनों शामिल हैं. आत्महत्या के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र (38.5%) और कर्नाटक (22.5%) में मिले हैं, वहीं कुछ राज्यों में आत्महत्या के एक भी मामले सामने नहीं आए हैं, जिनमें पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, गोवा आदि राज्य शामिल हैं.
रिपोर्ट में बताया गया कि 2023 में देश में 1 लाख 70 हजार से भी अधिक आत्महत्या के मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें सिर्फ किसान ही नहीं, बेरोजगार युवा और व्यवसाय से जुड़े लोग भी शामिल हैं.
आत्महत्या में किसानों की संख्या सबसे अधिक
NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक, आत्महत्या करने वालों में किसान और खेतों में काम करने वाले मजदूर शामिल हैं, आत्महत्या करने वाले किसानों-मजदूरों की संख्या 10,700 से ज्यादा है, जिनमें किसानों की संख्या 4,690 और खेतिहर मजदूरों की संख्या 6,096 से अधिक है. किसानों द्वारा की गई आत्महत्याओं में सिर्फ पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी शामिल है.
इन राज्यों में होती है ज्यादा आत्महत्या
किसानों की आत्महत्या के ज्यादातर मामले महाराष्ट्र (38.5 %), कर्नाटक (22.5 %), आंध्र प्रदेश (8.6 %), मध्य प्रदेश (7.2 %), और तमिलनाडु (5.9 %) में दर्ज किए गए. हालांकि कुछ राज्य ऐसे भी हैं, जहां एक भी किसान ने आत्महत्या नहीं की है, जिनमें पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा, चंडीगढ़, दिल्ली, और लक्षद्वीप शामिल हैं.
आर्थिक तंगी की वजह से की आत्महत्या
रिपोर्ट में आत्महत्या करने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति वालों पर भी नजर डाली गई और देखा गया कि 2023 में ज्यादातर आत्महत्या करने वाले पीडि़तों की वार्षिक आय 1 लाख रुपये से कम थी. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि सिर्फ किसानों ने ही नहीं बल्कि बेरोजगारी की वजह से भी कई युवाओं ने आत्महत्याएं कीं. इसके सबसे ज्यादा मामले केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, और उत्तर प्रदेश में देखने को मिले हैं.