
किसानों को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाने के लिए मोदी सरकार ने एक और बड़ी सौगात दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हाल ही में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में किसानों के लिए “प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना” को मंजूरी दी गई है। इस योजना पर सरकार अगले 6 वर्षों में 24,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
100 जिलों के किसानों को मिलेगा फायदा
इस योजना के तहत देशभर के 100 जिलों को चुना जाएगा। चयन उन्हीं क्षेत्रों का होगा जहां उत्पादन कम है, जमीन का बार-बार उपयोग नहीं हो पा रहा है या किसानों को कर्ज लेने में दिक्कत होती है। इन जिलों के लिए अलग-अलग जिलास्तरीय कृषि योजनाएं तैयार की जाएंगी।
मुफ्त बीज, उन्नत खाद और कृषि उपकरण
योजना के तहत किसानों को उन्नत बीज और खाद कम कीमत या मुफ्त में दिए जाएंगे। इतना ही नहीं, ट्रैक्टर, पंप और अन्य आधुनिक कृषि उपकरणों पर सब्सिडी भी उपलब्ध कराई जाएगी। सिंचाई के लिए माइक्रो-इरिगेशन सिस्टम को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि पानी की बचत और उत्पादन में सुधार हो सके।
भंडारण और लोन में आसानी
किसानों को फसल बेचने से पहले उसे सुरक्षित रखने के लिए गोदाम निर्माण की सुविधा दी जाएगी। साथ ही किसानों के लिए सस्ता और आसान लोन उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे आर्थिक बोझ काफी हद तक कम होगा।
महिला और युवा किसानों को प्राथमिकता
मोदी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इस योजना में महिलाओं और युवाओं को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। इससे रोजगार बढ़ेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
कब से मिलेगी सुविधा?
इस महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के बजट में की थी। अब कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद सरकार का लक्ष्य है कि अक्टूबर 2025 तक सभी चयनित जिलों में यह योजना पूरी तरह से शुरू हो जाए।
कैसे करें आवेदन?
किसानों को इस योजना का लाभ पाने के लिए नजदीकी कृषि कार्यालय या ऑनलाइन पोर्टल पर आधार कार्ड, बैंक खाता और जमीन के दस्तावेज के साथ रजिस्ट्रेशन करना होगा। योजना को केंद्र और राज्य सरकार मिलकर लागू करेंगी।