
नई दिल्ली| UPS vs NPS : केंद्र सरकार ने पेंशन से जुड़ा एक बड़ा फैसला लिया है, जो लाखों नौकरीपेशा लोगों को सीधे प्रभावित करेगा। अगर आप सेंट्रल गवर्नमेंट कर्मचारी हैं और आपने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का विकल्प चुन लिया है तो अब आप नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में स्विच कर सकते हैं। इस बात की जानकारी सरकार ने सोमवार रात, 25 अगस्त को नोटिफिकेशन जारी करके दी।
वित्त मंत्रालय ने साफ किया है कि यह सुविधा सिर्फ एक बार और एक तरफा (one-time, one-way) होगी। यानी अगर आपने UPS से NPS में स्विच कर लिया, तो दोबारा वापस UPS में नहीं जा पाएंगे। यह स्विच केवल उन्हीं कर्मचारियों के लिए होगा, जिन्होंने यूपीएस चुना है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 20 जुलाई तक करीब 31,555 केंद्रीय कर्मचारी यूपीएस का विकल्प चुन चुके हैं और इस योजना के तहत नामांकन की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2025 है, जिसमें गारंटीड पेंशन और कई लाभ मिलेंगे। UPS से NPS में जाने का विकल्प भी 30 सितंबर तक है।
कब तक कर सकते हैं स्विच?
कर्मचारी रिटायरमेंट की तारीख से एक साल पहले तक या स्वैच्छिक रिटायरमेंट (Voluntary Retirement) की स्थिति में रिटायरमेंट से तीन महीने पहले तक यह विकल्प चुन सकते हैं। अगर इस दौरान स्विच नहीं किया गया, तो कर्मचारी डिफॉल्ट रूप से UPS में ही रहेंगे।
किन्हें नहीं मिलेगी यह सुविधा?
अगर किसी कर्मचारी को रिमूवल, डिसमिसल या जबरन रिटायरमेंट दिया गया है, या फिर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई (disciplinary proceedings) चल रही है, तो वे इस सुविधा का फायदा नहीं उठा पाएंगे।
NPS में जाने फायदे-नुकसान?
यूपीएस छोड़कर एनपीएस में जाते ही कर्मचारी UPS के फिक्स्ड पेंशन और गारंटीड लाभों के लिए पात्र नहीं रहेंगे। इसके बदले वे एनपीएस नियमों के तहत निवेश और पेंशन निकालने की सुविधा पाएंगे। सरकार की ओर से 4% अतिरिक्त योगदान भी कर्मचारी के NPS खाते में जोड़ा जाएगा। रिटायरमेंट के समय जमा राशि के आधार पर पेंशन तय होगी।
बता दें कि सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागों को आदेश दिया है कि वे इस सूचना को अपने-अपने कर्मचारियों तक जरूर पहुंचाएं, ताकि समय रहते वे सही फैसला ले सकें।