
जमुई. बिहार का मुंगेर जिला अपने अवैध हथियार उत्पादन के लिए बदनाम है. लेकिन अब बिहार का जमुई जिला भी धीरे-धीरे दूसरा मुंगेर बनता जा रहा है. यह इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि यहां साल दर साल बड़े पैमाने पर अवैध हथियार कारोबार का खुलासा हुआ है. गौरतलब है कि जमुई पुलिस ने एक बार फिर जिले में बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन अलग-अलग जगह पर चलाई जा रही मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा किया है. जिसमें पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जबकि बड़ी मात्रा में हथियार और अन्य सामान बरामद किया गया है. लेकिन ऐसा पहली बार नहीं है जब जमुई जिले में अवैध हथियार कारोबार का खुलासा किया गया हो. गौरतलब है कि जमुई जिले के गरही थाना क्षेत्र के रोपा बेल, गरही और सदर थाना क्षेत्र के कल्याणपुर में अवैध रूप से चलाए जा रही मिनी गन फैक्ट्री के खुलासे ने सनसनी मचा दी है.
जिस तरीके से जिला मुख्यालय से लेकर रोपा बेल तक हथियार का जखीरा बरामद हुआ है और गन फैक्ट्री का खुलासा किया गया है, उससे यह साफ हो गया है कि मुंगेर जिले के बाद अब जमुई जिला हथियार उद्योग का सेफ जोन बन गया है. गौरतलब है कि इससे पहले भी पुलिस ने जिले के कई इलाकों में अवैध हथियार फैक्ट्री का खुलासा किया था. पुलिस की लगातार कार्रवाई के बाद भी जिले में लगातार अवैध हथियार का कारोबार किया जा रहा है. बताते चलें कि इससे पहले पुलिस की कार्रवाई में खैरा थाना क्षेत्र के हथिया पत्थर में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा किया था. इसके साथ ही जिले के सदर थाना क्षेत्र के हरनाहा चौक, अड़सार, चरकापत्थर थाना क्षेत्र सहित कई अन्य इलाके में मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा किया था.
जिला मुख्यालय के गांव में गन फैक्ट्री का हुआ था उद्भेदन
साल 2023 में जमुई सदर थाना क्षेत्र के अड़सार में शेखपुरा पुलिस ने छापेमारी कर एक मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा किया था. इस दौरान पुलिस ने दो अर्ध निर्मित देसी पिस्टल बरामद की थी. जबकि आधा दर्जन अपराधियों को भी गिरफ्तार किया गया था. दरअसल, शेखपुरा जिला पुलिस ने शेखपुरा के बाउघाट थाना क्षेत्र के आलापुर गांव में छापेमारी कर एक मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा किया था. इस दौरान उन्होंने कई अपराधियों को गिरफ्तार किया था. जिसमें जमुई जिला के सदर थाना क्षेत्र के अड़सार निवासी मो. कैसर और अब्दुल्ला इनाम भी शामिल थे.
उन्होंने पुलिस के समक्ष पूछताछ में अपने अन्य साथियों का नाम बताया था और उन्होंने शेखपुरा पुलिस को यह जानकारी दी थी कि अड़सार में भी उन लोगों के द्वारा मिनी गन फैक्ट्री चलाई जा रही है. जिसके बाद शेखपुरा पुलिस की टीम अड़सार पहुंची थी और एक नवनिर्मित मकान में उन्होंने छापेमारी की थी. जहां पुलिस की टीम ने एक मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा कर मौके से 8 पीस अर्ध निर्मित देसी पिस्टल, हैंड ड्रिल मशीन और उसका प्लेट, ग्यारह रेती व हथौड़ा, दो पीतल का रॉड, 9 हेक्सा ब्लेड, तीन साइकिल का फ्रॉक 11 मोबाइल फोन सहित कई अन्य सामान बरामद किया था. पुलिस ने मौके से शहजाद आलम पिता मो. कमालुद्दीन, मो. दानिश शाह पिता गफ्फार शाह, मो. चांद पिता मो. उमर तस्लीम अंसारी पिता समीद को गिरफ्तार भी किया था.
खैरा में पहले भी हथियार कारोबार का हुआ है खुलासा
साल 2022 में भी खैरा थाना क्षेत्र के हथिया पत्थर गांव में पुलिस ने अवैध मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा किया था. मौके से पुलिस ने अर्धनिर्मित हथियार और हथियार बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण को भी बरामद किया था. पुलिस को यह सूचना मिली थी कि हथिया पत्थर गांव में अवैध तरीके से हथियार का निर्माण किया जा रहा है. जिसके बाद पुलिस ने छापेमारी की और मौके से मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा किया था. इस दौरान पुलिस ने भारी मात्रा में अर्धनिर्मित हथियार भी बरामद किया था, जबकि उसे बनाने में इस्तेमाल की जाने वाले उपकरण और अन्य सामान बरामद किया था. उक्त मिनी गन फैक्ट्री का संबंध मुंगेर से था. उक्त गांव में बीते कई वर्षों से एक दुकान की आड़ में मिनी गन फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा था. गांव निवासी अजीम अंसारी के घर में उक्त फैक्ट्री का संचालन हो रहा था.
शहर में भी पांव पसार चुका है कारोबार
साल 2021 में शहर के हरनाहा चौक के समीप पुलिस ने एक मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा किया था और मौके से तीस के करीब निर्मित पिस्टल बरामद की थी. इस दौरान पुलिस ने पिस्टल निर्माण में लगे तीन शातिर को गिरफ्तार भी किया था. जिनकी पहचान मुंगेर के दलहट्टा निवासी परमानंद शर्मा, कासिम बाजार निवासी बामु शर्मा और लखीसराय के खैरी निवासी राजेश मिस्त्री के रूप में की गई थी. यह तीनों लोग हरनाहा चौक स्थित मां अंबे रिबोरिंग नामक इंजीनियरिंग वर्कशॉप की आड़ में गन फैक्ट्री का धंधा चला रहे थे. लॉकडाउन के बाद से उक्त दुकान की आड़ में बंदूक निर्माण किया जा रहा था. उक्त बंदूक की सप्लाई मुंगेर में की जाती थी और मुंगेर के एक खरीददार को सभी बंदूक को सप्लाई किया जाता था. पुलिस ने मौके से 30 निर्मित 7.62 एमएम की पिस्टल को बरामद किया है. जानकारी मिली है कि बड़े पैमाने पर इस स्थान से बंदूकों की सप्लाई की जाती थी और हर सप्ताह 30 से 45 बंदूकों के ऑर्डर को पूरा किया जाता था.