
माइग्रेन क्यों होता है? Image Credit source: Getty Images
Migraine Causes and Symptoms: माइग्रेन एक प्रकार का तेज सिरदर्द है, जो सामान्य सिरदर्द से अलग होता है. इसमें सिर के एक हिस्से में तेज दर्द होता है, जो कई घंटों से लेकर कई दिनों तक रह सकता है. माइग्रेन सिर्फ सिरदर्द नहीं, बल्कि एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जिसमें मिचली, उल्टी, रोशनी और आवाज से परेशानी जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं. माइग्रेन के मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं माइग्रेन विद ऑरा और माइग्रेन विदआउट ऑरा. ऑरा में सिरदर्द से पहले मरीज को आंखों के सामने चमक या धुंध दिखना, झुनझुनी महसूस होना या बोलने में दिक्कत जैसे संकेत मिलते हैं. इसके अलावा, क्रोनिक माइग्रेन यानी 15 दिन से अधिक, हेमीप्लेजिक माइग्रेन और साइलेंट माइग्रेन भी कुछ अन्य रूप हैं. समय रहते लक्षणों को पहचानना और सही इलाज जरूरी है.
माइग्रेन के कारण पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन यह माना जाता है कि जेनेटिक और एनवायरनमेंटल फैक्टर्स दोनों इसमें भूमिका निभाते हैं. दिमाग में होने वाले केमिकल बदलाव, जैसे सेरोटोनिन के स्तर में गिरावट नर्व्स को ज्यादा सेंसिटिव बना देते हैं और सिरदर्द ट्रिगर होता है. ज्यादा स्ट्रेस, नींद की कमी, हॉर्मोनल बदलाव विशेष रूप से महिलाओं में पीरियड्स या प्रेग्नेंसी के दौरान, तेज रोशनी, जोर की आवाज़, कुछ खास खाने-पीने की चीजें जैसे चॉकलेट, चीज़, वाइन और खराब लाइफस्टाइल भी माइग्रेन को बढ़ा सकता है. परिवार में माइग्रेन का इतिहास होने पर इसके होने की संभावना अधिक रहती है. महिलाओं में पुरुषों की तुलना में माइग्रेन का खतरा लगभग तीन गुना ज्यादा होता है. इसके अलावा, 15 से 55 वर्ष की आयु के लोगों में माइग्रेन सबसे ज्यादा देखने को मिलता है.
माइग्रेन के शुरुआती लक्षण क्या हैं?
जीबी पंत हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में डॉ. दलजीत सिंह बताते हैं कि माइग्रेन के शुरुआती लक्षण सिरदर्द शुरू होने से कुछ घंटे या दिन पहले ही दिखने लगते हैं, जिन्हें प्रोड्रोम स्टेज कहा जाता है. इस स्टेज में मूड में अचानक बदलाव, बार-बार उबासी आना, बार-बार पेशाब लगना, ज्यादा थकान या भूख लगना जैसे संकेत नजर आ सकते हैं. कुछ लोगों में आंखों के सामने धुंधलापन, चमकती रोशनी या ज़िगज़ैग लाइनें दिखने लगती हैं, जिसे ऑरा स्टेज कहते हैं.
माइग्रेन के सिरदर्द के दौरान सिर के एक हिस्से में तेज और भारी दर्द होता है, जो धीरे-धीरे बढ़ता जाता है. इसके साथ मिचली, उल्टी, रोशनी और आवाज़ से परेशानी, गले में जकड़न, फोकस करने में कठिनाई जैसे लक्षण भी होते हैं. कई बार हल्की फिजिकल एक्टिविटी या आवाज़ से दर्द और बढ़ जाता है. शुरुआती संकेतों को पहचानकर समय पर दवा लेना और आराम करना माइग्रेन अटैक की तीव्रता को काफी हद तक कम कर सकता है.
कैसे करें बचाव
पर्याप्त नींद लें और हेल्दी डाइट अपनाएं.
तनाव कम करने के लिए योग, ध्यान या मेडिटेशन करें.
तेज रोशनी, तेज आवाज़ और तीखी गंध से बचें.
शरीर में पानी की कमी न होने दें, हाइड्रेटेड रहें.
ट्रिगर फूड जैसे चॉकलेट, वाइन, चीज़ आदि से परहेज करें.
जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से प्रिवेंटिव दवाएं लें.
नियमित एक्सरसाइज़ करें.