
महाकुंभ कल से शुरु, जानें पहले शाही स्नान का शुभ मुहूर्त और नियम
Mahakumbh 2025: प्रयागराज में कल से महाकुंभ की शुरुआत हो जाएगी. हिंदू धर्म में प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण हैं. कि यहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों का संगम होता है, जिसे ‘त्रिवेणी संगम’ कहा जाता है. महाकुंभ का आयोजन भारत में चार जगहों प्रयागराज, नासिक, उज्जैन और हरिद्वार में होता है. इन पवित्र स्थलों पर होने वाले महापर्व का साधु-संतों और श्रद्धालुओं को बेसब्री से इंतजार होता है. कहते हैं कि महाकुंभ में त्रिवेणी घाट पर स्नान करने से व्यक्ति को जीवन के समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है, जिससे आत्मा और शरीर दोनों ही शुद्ध हो जाता है.
पहले शाही स्नान का शुभ मुहूर्त| Mahakumbh 2025 Shahi Snan Shubh muhurat
महाकुंभ का पहला शाही स्नान पौष पूर्णिमा तिथि को होगा. वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत सोमवार, 13 जनवरी को सुबह 5 बजकर 3 मिनट पर होगी. वहीं तिथि का समापन 14 जनवरी को रात 3 बजकर 56 मिनट पर होगा. वहीं शुभ मुहूर्त इस प्रकार है.
- ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 5 बजकर 27 मिनट से लेकर 6 बजकर 21 मिनट तक रहेगा.
- विजय मुहूर्त- दोपहर 2 बजकर 15 मिनट से लेकर 2 बजकर 57 मिनट तक रहेगा
- गोधूलि मुहूर्त- शाम 5 बजकर 42 से लेकर 6 बजकर 09 तक रहेगा
- निशिता मुहूर्त- रात 12 बजकर 03 से लेकर 12 बजकर 57 तक रहेगा.
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शाही स्नान की अन्य तिथियां |Mahakumbh 2025 Shahi Snan Dates
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मे कल पहला शाही स्नान होगा. इसके बाद अन्य शाही स्नान की तिथियां कुछ इस प्रकार हैं.
- मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025 के दिन दूसरा शाही स्नान होगा.
- मौनी अमावस्या 29 जनवरी 2025 के दिन तीसरा शाही स्नान होगा.
- बसंत पंचमी 3 फरवरी 2025 के दिन चौथा शाही स्नान होगा.
- माघ पूर्णिमा 12 फरवरी 2025 के दिन पांचवा शाही स्नान होगा.
- महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025 के दिन आखिरी शाही स्नान होगा.
शाही स्नान का नियम |Mahakumbh 2025 Shahi Snan Niyam
महाकुंभ में शाही स्नान के कुछ खास नियमों का पालन किया जाता है. महाकुंभ में सबसे पहले नागा साधु स्नान करते हैं. नागा साधुओं को स्नान करने की प्राथमिकता सदियों से चली आ रही है. इसके पीछे एक धार्मिक मान्यता है. इसके अलावा गृहस्थ जीवन जीने वाले लोगों के लिए महाकुंभ में स्नान के नियम कुछ अलग है. गृहस्थ लोगों नागा साधुओं बाद ही संगम में स्नान करना चाहिए. स्नान करते समय 5 डुबकी जरूर लगाएं, तभी स्नान पूरा माना जाता है. स्नान के समय साबुन या शैंपू का इस्तेमाल न करें. क्योंकि इसे पवित्र जल को अशुद्ध करने वाला माना जाता है.
यहां जरूर करें दर्शन
महाकुंभ में शाही स्नान-दान के बाद बड़े हनुमान और नागवासुकि का दर्शन जरूर करना चाहिए. मान्यता है कि शाही स्नान के बाद इन दोनों में से किसी एक मंदिर के दर्शन करने से महाकुंभ की धार्मिक यात्रा अधूरी मानी जाती है.
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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.