
LIC का ‘मेगा शॉपिंग’ लिस्ट
भारतीय शेयर बाजार में सितंबर 2025 की तिमाही काफी उथल-पुथल भरी रही. जब विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) भारतीय बाजार से अपना पैसा निकाल रहे थे और बिकवाली का दबाव बना रहे थे, तब देश की सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी, भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC), ने बाजार में एक स्थिर शक्ति के रूप में काम किया. LIC ने इस कमजोर माहौल के बीच घरेलू इक्विटी में जमकर खरीदारी की. यह कदम न केवल बाजार को संभालने में मददगार साबित हुआ, बल्कि यह LIC के भरोसे को भी दर्शाता है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, LIC ने इस तिमाही में शेयरों में करीब 21,700 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया है.
पोर्टफोलियो में बड़ा फेरबदल
LIC ने सितंबर तिमाही में अपने निवेश पोर्टफोलियो में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं. उपलब्ध जानकारी के अनुसार, बीमा दिग्गज ने 76 लिस्टेड कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है, जो यह संकेत देता है कि इन कंपनियों के भविष्य को लेकर LIC काफी आश्वस्त है. इसके साथ ही, 13 नए शेयरों को भी पहली बार अपने पोर्टफोलियो में शामिल किया गया है, जिन पर LIC ने नया दांव लगाया है.
दूसरी तरफ, LIC ने 81 कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी कुछ कम भी की है. इसके अलावा, 31 कंपनियों के शेयरहोल्डिंग पैटर्न से LIC का नाम अब नहीं दिख रहा है. हालांकि, यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं है कि LIC ने इन कंपनियों से अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच दी है, या फिर उसकी हिस्सेदारी 1 प्रतिशत की उस सीमा से नीचे आ गई है, जिसका खुलासा करना जरूरी होता है.
इन शेयरों पर LIC का बढ़ा भरोसा
LIC की खरीदारी की सूची पर नजर डालें तो पता चलता है कि उसका झुकाव सरकारी बैंकों और IT सेक्टर की ओर बढ़ा है. इस तिमाही में LIC ने सबसे बड़ी खरीदारी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में की है. बीमा कंपनी ने SBI के 6.42 करोड़ अतिरिक्त शेयर खरीदे, जिनकी कुल कीमत लगभग 5,599 करोड़ रुपए है.
इसके बाद, फार्मा सेक्टर की दिग्गज कंपनी सन फार्मास्युटिकल्स में 3,226 करोड़ रुपए और IT कंपनी HCL टेक्नोलॉजीज में 2,939 करोड़ रुपए का निवेश बढ़ाकर अपनी हिस्सेदारी मजबूत की है.
LIC की पसंद वाली अन्य प्रमुख कंपनियों में पिडिलाइट इंडस्ट्रीज (₹2,234 करोड़), कोल इंडिया (₹2,119 करोड़), NTPC (₹1,992 करोड़), टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स (₹1,904 करोड़), सिप्ला (₹1,686 करोड़) और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (₹1,654 करोड़) भी शामिल हैं.
बड़े प्राइवेट बैंकों से बनाई दूरी
जहां एक ओर LIC ने चुनिंदा शेयरों में खरीदारी की, वहीं दूसरी ओर कुछ बड़े निजी बैंकों और वित्तीय संस्थानों में अपनी हिस्सेदारी घटाई है. सितंबर तिमाही में LIC ने सबसे ज्यादा बिकवाली HDFC बैंक में की है. बीमा कंपनी ने HDFC बैंक में अपनी होल्डिंग 3,130 करोड़ रुपए तक कम कर दी है. इसके बाद ICICI बैंक का नंबर आता है, जहाँ से 2,338 करोड़ रुपए की हिस्सेदारी बेची गई. अन्य बड़े नाम जिनमें LIC ने अपनी हिस्सेदारी घटाई है, उनमें लार्सन एंड टुब्रो (₹2,243 करोड़), भारती एयरटेल (₹2,205 करोड़), महिंद्रा एंड महिंद्रा (₹2,149 करोड़), मारुति सुजुकी (₹2,052 करोड़) और कोटक महिंद्रा बैंक (₹1,994 करोड़) शामिल हैं.
ये हैं LIC के ‘नए सितारे’
हिस्सेदारी बढ़ाने और घटाने के अलावा, LIC ने 13 नई कंपनियों को अपने पोर्टफोलियो में जगह दी है. इन नए निवेशों में सबसे बड़ा नाम BSE लिमिटेड का है. LIC ने BSE के 2.28 करोड़ शेयर खरीदे, जिनकी कीमत 4,637 करोड़ रुपए है. इसके अलावा, यस बैंक में 2,653 करोड़ रुपए और ABB इंडिया में 2,424 करोड़ रुपए का नया निवेश किया गया है. अन्य नए जोड़े गए शेयरों में वरुण बेवरेजेज (₹1,982 करोड़), श्रीराम फाइनेंस (₹1,492 करोड़) और परसिस्टेंट सिस्टम्स (₹819 करोड़) प्रमुख हैं.




