
मैग्नीशियम की कमी से डिप्रेशनImage Credit source: Maria Korneeva /Moment/Getty Images
Magnesium and Zinc Deficiency: मैग्नीशियम की कमी को हाइपोमैग्नेसीमिया भी कहते हैं. इसके लक्षणों में मांसपेशियों में मरोड़, उच्च रक्तचाप या मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के साथ अन्य मानसिक और शारीरिक लक्षण शामिल हो सकते हैं. इसका पता लगाना अक्सर तब तक मुश्किल होता है जब तक कि इसका स्तर बहुत कम न हो जाए. हालाँकि लगभग 2.5% से 15% अमेरिकी मैग्नीशियम की कमी (हाइपोमैग्नेसीमिया) से पीड़ित हैं, लेकिन कुछ आबादी में यह प्रतिशत कहीं अधिक है.
मैग्नीशियम के अलावा जिंक भी वो खनिज है जिसकी कमी से दिमाग की सेहत प्रभावित होती है. जिंक ब्रेन सेल्स को एक्टिव रखता है और दिमाग में मैसेज पहुंचाने वाले केमिकल्स को संतुलित रखता है. लेकिन जब जिंक की कमी होती है, तो उदासी, थकान और डिप्रेशन जैसी दिक्कत होने लगती है. जिंक की कमी से सबसे अधिक बच्चों और महिलाओं को परेशानी होती है क्योंकि इनकी डाइट में अक्सर जिंक की कमी पाई जाती है.
मैग्नीशियम की कमी से कौन प्रभावित
आरएमएल हॉस्पिटल में मेडिसिन विभाग में डायरेक्टर प्रोफेसर डॉ. सुभाष गिरि बताते हैं किमधुमेह, पुराने दस्त और सीलिएक रोग से पीड़ित लोगों में मैग्नीशियम की कमी देखी जाती है. शराब सेवन वाले लोगों में भी इसकी कमी का खतरा बढ़ जाता है. मैग्नीशियम की कमी का निदान कम हो सकता है क्योंकि इसके लक्षण आमतौर पर तब तक दिखाई नहीं देते जब तक कि इसका स्तर बहुत कम न हो जाए.
मैग्नीशियम की कमी से होने वाली परेशानी
- मांसपेशियों में मरोड़ और ऐंठन- मरोड़, कंपन और मांसपेशियों में ऐंठन मैग्नीशियम की कमी के लक्षण हैं. कभी-कभी, मैग्नीशियम की कमी से दौरे या ऐंठन हो सकती है.
- मानसिक स्वास्थ्य स्थितियां- मानसिक स्वास्थ्य स्थितियां मैग्नीशियम की कमी का एक अन्य संभावित लक्षण हैं. शोध बताते हैं कि उदासीनता एक उदाहरण है, जो मानसिक सुन्नता या भावनाओं की कमी से जुड़ी होती है.
- अनियमित हृदय गति- अनियमित हृदय गति, मैग्नीशियम की कमी का एक संभावित गंभीर प्रभाव है.
जिंक की कमी से मूड और डिप्रेशन पर असर
जिंक की कमी से दिमाग में पाए जाने वाले सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे हैप्पी हार्मोन का स्तर कम हो जाता है. सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे हार्मोन हमें पॉजिटिव फील कराते हैं और मूड अच्छा रखते हैं. इन हार्मोन्स की कमी से इंसान विना वजह उदास रहने लगता है. चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है और डिप्रैशन के लक्षण उभर जाते हैं. कई रिसर्च में पाया गया है कि डिप्रेशन और एंग्जाइटी से परेशान लोगों मे जिंक की कमी पाई गई.
मैग्नीशियम का स्तर कैसे बढ़ाएं
मैग्नीशियम प्लांट और पशु-आधारित दोनों प्रकार के खाद्य पदार्थों में पाया जाता है. इसके सबसे अच्छे स्रोत बीज और मेवे जैसे – कद्दू के बीज (pumpkin seeds), तिल, सूरजमुखी के बीज, काजू और बादाम हैं, लेकिन अन्य अच्छे स्रोतों में शामिल हैं: साबुत अनाज, बीन्स, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां., मेवे, केले और दालें खाएं. अगर आपको कोई ऐसी स्वास्थ्य समस्या है जिसके कारण आपके शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो रही है, जैसे कि मधुमेह, तो मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों का भरपूर सेवन करना या सप्लीमेंट लेना ज़रूरी है.
जिंक का स्तर कैसे बढ़ाएं
- दालें और चना, मसूर, मूंग, राजमा, मूंगफली और चना खाएं.
- साबुत अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, गेहूं और ओट्स अच्छे स्त्रोत.
- बीज और मेवे, दूध, दही और पनीर, अंडा, मछली और मांस में भी भरपूर जिंक पाया जाता है.