पत्ता या फिर अमृत…पीलिया-डायबिटीज का काल, लिवर का टॉनिक, आंतों के संक्रमण में भी रामबाण,जानें उपयोग.., “ :

पत्ता या फिर अमृत…पीलिया-डायबिटीज का काल, लिवर का टॉनिक, आंतों के संक्रमण में भी रामबाण,जानें उपयोग.., “ :

धरती एक से बढ़कर एक औषधीय गुणों से युक्त पेड़ पौधों का भंडार है. तमाम गंभीर रोगों के चपेट में आ जाने के बाद लोग ठीक होने के तमाम उपाय खोजते हैं. ऐसे में हम आपको एक ऐसी औषधि के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके पत्ते कमाल के हैं.

इस पत्ते से बनी चाय यानी काढ़ा आपको तमाम बीमारियों से निजात दिला सकते हैं. ये वही चाय है जिसकी चुस्की में आपके शरीर से तमाम बीमारियां दूर हो सकती हैं. ये वही चाय है जिसको लीवर का टॉनिक कहते हैं. आइए विस्तार से जानते हैं.

राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय नगर बलिया के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. सुभाष चंद्र यादव ने कहा कि पीपल का पत्ता शरीर के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है. यह प्रोटीन, फ़ाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीज़, कॉपर जैसे तमाम पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसमें एंटीडायबिटिक, एंटी-इन्फ़्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट्स, दर्द निवारक, एंटीबैक्टीरियल, एंटी-एम्नेसिक जैसे तमाम गुण भी पाए जाते हैं, जो शरीर को ऊर्जावान बनाते हैं.

लीवर में लाभ: पीपल के पत्तों का रस या काढ़े का सेवन करने से लीवर से जुड़ी समस्याओं में न केवल राहत मिलती है, बल्कि लीवर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालता है.

पेट की समस्या: पेट के लिए पीपल का पत्ता बेहद लाभकारी है. इसके सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है और कब्ज़ से राहत मिलती है.

खून और आंतों के लिए भी लाभकारी: इसके पत्तों का सेवन करने से न केवल अशुद्ध ब्लड शुद्ध होता है. बल्कि यह आंतों के संक्रमण से भी बचाव करता है.

पीलिया और शुगर: पीलिया और शुगर जैसे खतरनाक बीमारियों में भी पीपल के पत्ते का सेवन बेहद लाभकारी और गुणकारी होता है.

काढ़ा बनाने का सही तरीका…

पीपल के तीन से चार पत्तों को लेकर सबसे पहले उसको पानी की सहायता से सही तरीके से साफ करें. अब एक गिलास पानी में इसे तब तक उबालते रहे जब तक यह आधा न हो जाए. अब इसे चाय के रूप में शहद मिलाकर सेवन किया जा सकता है. अगर शुगर के मरीज हैं तो बगैर शहर मिलाएं ही सेवन करें.

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